कोलकाता: बजट में नये टैक्स नहीं लगाने का एलान करने वाला कोलकाता नगर निगम अब बिल्डरों पर एक नया टैक्स लगाने जा रहा है. यह नया टैक्स पश्चिम बंगाल श्रम कल्याण उपकर (वेस्ट बंगाल लेबर वेलफेयर सेश) के रूप में शहर में निर्माण उद्योग से लगे बिल्डरों से वसूला जायेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह नया उपकर अनुमानित निर्माण लागत का एक प्रतिशत होगा. निगम से मिली जानकारी के मुताबिक इस उपकर के रूप में आने वाली राशि को निर्माणकर्मियों के कल्याण में खर्च किया जायेगा.
मेयर परिषद की बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिल चुकी है. इस फैसले को अंतिम रूप में लागू करने के लिए अब इसे निगम की मासिक बैठक में पेश किया जायेगा. चूंकि यह सेश निर्माणकर्मियों के कल्याण के लिए खर्च की जायेगी, इसलिए किसी भी दल के पार्षद द्वारा इस कदम का विरोध किये जाने की संभावना न के बराबर है.
निगम अधिकारियों के अनुसार बिल्डिंग प्लान की मंजूरी देते समय ही बिल्डरों से निर्माण लागत का एक प्रतिशत वसूल कर लिया जायेगा. निगम इस उपकर को राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार लागू करेगा व वसूली गयी रकम निगम राज्य सरकार को सौंप देगा. राज्य में पांच लाख से अधिक निर्माण कर्मी हैं. केवल कोलकाता नगर निगम ही नहीं राज्य के सभी नगरपालिकाओं व पंचायतों को सेश वसूलने के लिए कहा गया है. उन्हें सख्ती के साथ इस योजना को लागू करने का निर्देश जारी किया गया है. 2011 में सत्ता में आने के फौरन बाद ही तृणमूल सरकार ने इस योजना का एलान किया था. हालांकि उससे पहले वाम मोरचा सरकार ने भी इस योजना को लागू करना चाहा था, पर राशि की वसूली के लिए किसी संस्था के चिह्न्ति नहीं किये जाने के कारण यह योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ गयी थी.