जब इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसले को टाला गया है. अभियोजन पक्ष के वकील सुकांत बोस ने बताया कि इस हत्याकांड की सीबीआइ जांच के लिए हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है. इसकी सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. चूंकि हाइकोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है, इसे ध्यान में रखते हुए अभियोजन पक्ष ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश से अपना फैसला सुरक्षित रखने की गुहार लगायी है, ताकि हाइकोर्ट के फैसले पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़े.
छह दिनों बाद 12 मई को सीआइडी ने इस मामले को अपने जिम्मे लिया. 30 मई को सीआइडी ने अपनी पहली चाजर्शीट जमा की. इस पहली चार्ज शीट में मंत्री अरूप राय सहित कुल 16 आरोपियों के नाम थे. चार्ज शीट में मंत्री का नाम आते ही हलचल मच गया. आनन-फानन में चाजर्शीट को वापस लिया गया. 26 सितंबर को सीआइडी ने अपनी दूसरी सप्लीमेंटरी चाजर्शीट सौंपी. इसमें मंत्री अरूप राय का नाम हटाया गया था व कुल सात आरोपियों के खिलाफ चाजर्शीट दी गयी थी, जबकि नौ आरोपियों का नाम सबूत के अभाव में हटा दिये गये थे. षष्टी गायेन, लिपिस्टिक बापी, कल्याण घोष, रमेश महतो, कार्तिक पाल, असित गायेन, सुभाष भौमिक ( पांच आरोपी) जमानत पर हैं, जबकि दो अब तक फरार है.