कोलकाता: नकली दस्तावेज के जरिये गैर सरकारी बैंकों को लाखों का चूना लगानेवाले क्रेडिट कार्ड गिरोह के सात सदस्यों को कोलकाता पुलिस के बैंक धोखाधड़ी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम शंकर आड्डा (34) (बेलियाघाटा), विकास बनर्जी (40) (सोदपुर घोला), राजीव अधिकारी (39) (निमता), अभिजीत पाल (29) (खड़दह), देवराज विश्वास […]
कोलकाता: नकली दस्तावेज के जरिये गैर सरकारी बैंकों को लाखों का चूना लगानेवाले क्रेडिट कार्ड गिरोह के सात सदस्यों को कोलकाता पुलिस के बैंक धोखाधड़ी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम शंकर आड्डा (34) (बेलियाघाटा), विकास बनर्जी (40) (सोदपुर घोला), राजीव अधिकारी (39) (निमता), अभिजीत पाल (29) (खड़दह), देवराज विश्वास (27) (नोआपाड़ा), शुभ्रोदीप चौधरी (39) (सोदपुर घोला), सुनील पटवा (32) (नारकेलडांगा) बताये गये हैं.
शेक्सपीयर सरणी थाने में सिटी बैंक की तरफ से प्रदीप तिवारी ने 43 लाख एक हजार 658 रुपये का चूना लगाने की शिकायत दर्ज करायी थी.
लालबाजार के बैंक धोखाधड़ी विभाग की टीम को दिया गया था. गुप्त जानकारी के आधार पर सभी को उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया गया. अदालत में पेश करने पर सभी को सात नवंबर तक पुलिस हिरासत भेजा गया. पुलिस ने नोआपाड़ा में एक ठिकाने पर छापेमारी करके गिरोह के मिनी लैब का भंडाफोड़ किया और दर्जन भर असली क्रेडिट कार्ड, फर्जी लाइसेंस, वोटरकार्ड, आधार कार्ड, कंपनियों के कार्ड स्कैनिंग मशीन, प्रिंटर व लैमिनेशन मशीन जब्त किये.
कैसे बनाते थे बैंक को निशाना : संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि जितने भी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, सभी कभी ना कभी किसी रूप से बैंक में काम कर चुके है. काम करने के दौरान उन्होंने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड देने के सभी रूल को अच्छी तरह से जान लिया था. इसके साथ ही बड़ी कंपनियों में ऊंचे पदों में काम करने वाले लोगों के नाम की सूची बैंक से चुरा लिये थे. गिरोह ने एक मिनी लैब बना रखा था, जहां से वे ऊंची सैलरी पाने वाले लोगों के नाम पर अपना फोटो लगा हुआ पहचान पत्र बना लेते थे. फिर उस पहचान पत्र व किराये पर रूम लेकर उस पते से बैंक में अकाउंट खुलवाते थे. फिर बैंक से क्रेडिट कार्ड का आवेदन करता था. क्रेडिट कार्ड मिलते ही ठिकाना बदल लेता था. फिर कार्ड से गोल्ड खरीद कर व नगदी निकाल कर क्रेडिट कार्ड को फेंक देते थे. इसी तरह इस गिरोह 43 लाख एक हजार 658 रुपये का धोखाधड़ी कर बैंक को चूना लगाया. बिल का भुगतान नहीं होने पर बैंक ने शेक्सपीयर सरणी थाने में शिकायत दर्ज करायी थी.
कैसे पकड़ में आये गिरोह के सदस्य : पुलिस ने बताया कि जिन दुकानों से इन लोगों ने खरीददारी कर बैंक को चूना लगाया था, वहां के सीसीटीवी कैमरे का फुटेज के अलावा इलाके के गुप्त मुकबिरों की मदद से पुलिस इस गिरोह तक पहुंची.