कोलकाता: वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में अगस्त माह की वृद्धि के आंकड़े चिंताजनक नहीं हैं, क्योंकि कुछ अन्य क्षेत्रों में विस्तार के संकेत हैं.
अगस्त में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि पिछले पांच माह के निचले स्तर पर रही. सीतारमण ने कहा कि नयी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में भरोसा बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाये हैं. सरकार ने मसलन, कारोबार करने की प्रक्रिया आसान बनाने और बेहतर नियमन की दिशा में प्रयास तेज किये हैं. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता, तो स्टैंडर्ड एंड पूअर्स जैसी वैश्विक एजेंसियों ने भारत के लिए स्थिर दृष्टिकोण जाहिर नहीं किया होता. मंत्री ने कहा कि सुधार के साफ संकेत हैं. वाहन और कुछ मुख्य क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. आइआइपी के आधार पर आकलित औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर अगस्त में 0.4 प्रतिशत के पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गयी. ऐसा विनिर्माण उत्पादन में संकुचन और उपभोक्ता उत्पादों की कम खरीद के कारण हुआ.
एफटीए की समीक्षा लगभग पूरी
भारत के विभिन्न भागीदार देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा लगभग पूरी हो गयी है. अब ऐसे संशोधित समझौतों से घरेलू विनिर्माताओं को फायदा होगा. यह बात वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कही. उन्होंने कहा कि हमने एफटीए के साथ-साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की भी समीक्षा की है और प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा बनी है कि कुछ एफटीए भारत की बजाय भागीदार देशों को फायदा पहुंचा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसी धारण है कि कुछ एफटीए से भागीदार देशों को फायदा हो रहा है. इस संबंध में वित्त एवं वाणिज्य मंत्रियों के बीच कोई मतभेद नहीं है. वाणिज्य मंत्रलय चाहता है कि इन समझौतों का उपयोग देश से निर्यात बढ़ाने के लिए हो. सरकार यह सुनिश्चित करेगी. मंत्री ने कहा कि नयी विदेश व्यापार नीति की घोषणा जल्दी होगी और इसके तहत भारतीय विनिर्माताओं एवं निर्यातकों को संशोधित एफटीए से ज्यादा लाभ प्रदान किया जायेगा.