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फिर आया तृणमूल के सांसद का नाम

कोलकाता: सारधा में एक बार फिर तृणमूल सांसद सृंजय बोस सीबीआइ के निशाने पर हैं. गुरुवार को सीबीआइ ने मोहन बागान एवं इस्ट बंगाल क्लब के अधिकारियों के साथ पूछताछ की. इस पूछताछ में तृणमूल सांसद का नाम सामने आया. सीबीआइ पहले भी श्री बोस से पूछताछ कर चुकी है. सारधा ग्रुप के साथ स्पांसरशिप […]

कोलकाता: सारधा में एक बार फिर तृणमूल सांसद सृंजय बोस सीबीआइ के निशाने पर हैं. गुरुवार को सीबीआइ ने मोहन बागान एवं इस्ट बंगाल क्लब के अधिकारियों के साथ पूछताछ की. इस पूछताछ में तृणमूल सांसद का नाम सामने आया. सीबीआइ पहले भी श्री बोस से पूछताछ कर चुकी है.

सारधा ग्रुप के साथ स्पांसरशिप को लेकर हुए समझौते के बारे में पूछताछ करने के लिए सीबीआइ ने इस्ट बंगाल, मोहन बागान, भवानीपुर व कालीघाट क्लब को नोटिस जारी किया था. जिसके अनुसार मोहन बागान क्लब के प्रतिनिधि सुमन घोष एवं इस्ट बंगाल क्लब के प्रतिनिधि स्वपन बॉल गुरुवार को सॉल्टलेक स्थित सीजीओ कंप्लेक्स के सीबीआइ दफ्तर पहुंचे, लेकिन भवानीपुर एवं कालीघाट क्लब का कोई भी प्रतिनिधि इस दिन सीबीआइ के सामने हाजिर नहीं हुआ.

सीबीआइ अधिकारियों ने दोनों क्लबों के अधिकारियों से लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की. पूछताछ के दौरान सीबीआइ अधिकारियों ने मुख्य रूप से सारधा के साथ स्पांसरशिप को लेकर हुए समझौते एवं प्रत्येक वर्ष मिलने वाली रकम के बारे में जानने का प्रयास किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, समझौते में सारधा ग्रुप की ओर से दोनों क्लबों को हर वर्ष दो करोड़ दिये जाते थे. पूछताछ में यह बात सामने आयी कि तृणमूल के राज्यसभा सांसद सृंजय बोस का सारधा ग्रुप एवं उसके मालिक सुदीप्त सेन के साथ व्यावसायिक संबंध था. इसी कारण पर मोहन बागान के साथ सारधा ने समझौता किया था.

पूछताछ के बाद बाहर निकले मोहन बागान क्लब के प्रतिनिधि सुमन घोष ने बताया कि सीबीआइ ने हम लोगों से सारधा के साथ हुए लेन-देन के बारे में जानकारी मांगी थी, हमने सभी प्रकार की जानकारी सीबीआइ को उपलब्ध करायी है. यह समझौता मोहन बागान क्लब के साथ नहीं, बल्कि यूनाइटेड मोहन बागान क्लब लिमिटेड के साथ हुआ था. सूत्रों के अनुसार तृणमूल सांसद का नाम फिर से सामने आने पर सीबीआइ अधिकारी एक बार फिर उनसे पूछताछ की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही क्लबों के अधिकारियों को भी दोबारा बुलाया जायेगा.

इस्ट बंगाल व मोहन बागान के बैंक खातों से पाबंदी हटाने से इडी का इनकार
इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) फिलहाल इस्ट बंगाल और मोहन बागान फुटबाल क्लबों के खातों से रोक हटाने के मूड में नहीं है. देश के इन नामचीन क्लबों के खातों पर सारधा घोटाले की जांच कर रहे ईडी ने पिछले महीने रोक लगा दी थी. दोनों क्लबों के अधिकारियों ने ईडी से रोक हटाने की अपील की थी.

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस्ट बंगाल और मोहन बागान के खातों से रोक हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है, जिसका अनुरोध उन्होंने किया है. एजेंसी ने दोनों क्लबों के खातों को कुछ विशेष कारण से सील किया था. इसलिए उनसे रोक हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. रोक के बाद उनके खातों में धनराशि जमा हो सकती है, लेकिन उससे धनराशि निकाली नहीं जा सकती है. ईडी ने देश के इन दो प्रमुख फुटबाल क्लबों के खातों पर उस समय रोक लगा दी थी, जब जांच में यह तथ्य सामने आया था कि उनके खातों में सारधा चिट फंड की राशि जमा की गयी थी.

इसका खुलासा घोटालों की जांच के दौरान हुआ था. दोनों ही क्लबों के अधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय से संपर्क करके उनसे बैंक खातों से रोक हटाने का अनुरोध किया था. दोनों क्लबों के प्रबंधन का कहना था कि रोक के कारण उन्हें वित्तीय परेशानी हो रही है. हम लोग खिलाड़ियों, कर्मचारियों और रोजाना के खर्च के लिए भुगतान नहीं कर पा रहे हैं.

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