कोलकाता : महानगर में लगातार बढ़ रही ड्रग्स टैबलेट की सप्लाई पर कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारियों का कहना है कि आम तौर पर कोकीन, हेरोइन, ब्राउन सूगर जैसे ड्रग्स काफी महंगे होते हैं. साधारण तौर पर इस तरह के ड्रग्स दो से पांच हजार रुपये में सिर्फ एक ग्राम उपलब्ध होते हैं. समाज में उच्च वर्ग से ताल्लुक रखनेवाले कुछ लोग इस तरह के ड्रग्स के खरीदार होते हैं. महंगे होने के कारण निम्न आय वर्ग के लोगों में इसकी मांग काफी कम है. इसकी तुलना में एमफैटामाइन से युक्त याबा टैबलेट के रूप में मिलनेवाला ड्रग्स टैबलेट काफी सस्ता होता है. सिर्फ 50 से 150 रुपये में आसानी से उपलब्ध होने के कारण स्कूल-कॉलेज में पढ़नेवाले छात्र व अन्य व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा इस ड्रग्स के ग्राहक होते हैं. चिंता का विषय यह है कि चॉकलेट व टैबलेट के आकार में होने के कारण कई बार ऐसा भी देखा गया है कि अनजाने में छात्र इसका सेवन करते हैं, फिर धीरे-धीरे इसके आदी हो जाते हैं. कोलकाता में इस ड्रग्स की ज्यादा तस्करी हो रही है, जो सस्ती कीमत में उपलब्ध है.
पुलिस ड्रग्स तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. कोलकाता पुलिस की एसटीएफ व एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम व वाच सेक्शन के पुलिसकर्मी लगातार ड्रग्स तस्करों के अभियान पर निगरानी बनाये रखती हैं. उनकी ज्यादा कोशिश होती है कि जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके, इनकी डीलिंग को विफल किया जाये. उनके लिए चिंता की बात यह है कि ठंड के समय में महानगर के विभिन्न बार, रेस्तरां व निजी क्लब में आयोजित होनेवाले रैव पार्टी में ड्रग्स की मांग काफी बढ़ जाती है. बैलेस्टिक पेपर, गांजा, याबा टैबलेट व पोस्ता का खोल जैसे ड्रग्स के साथ तस्कर महानगर में आते हैं. गत एक सप्ताह में गिरफ्तारी के आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो अबतक कोलकाता पुलिस की एसटीएफ व एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम करीब 3.50 करोड़ रुपये से ज्यादा के याबा टैबलेट व गांजा जब्त कर चुकी हैं.