कोलकाता : रोजवैली चिटफंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों ने गुरुवार को कोलकाता में पांच अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने इस छापेमारी को नियमित जांच का हिस्सा बताया. इडी सूत्रों के मुताबिक, 2015 में गिरफ्तार रोजवैली प्रमुख गौतम कुंडू ने फिर से जेल में पूछताछ में कुछ तथ्यों का खुलासा किया था. इस आधार पर गुरुवार सुबह न्यूटाउन, डनलप और दक्षिण कोलकाता के कुछ इलाकों में छापेमारी की गयी.
करीब छह घंटे तक चली छापेमारी में अधिकारियों को कुछ कागजात व इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज मिले हैं. उनकी जांच करने के बाद अदालत में इसकी जानकारी दी जायेगी. इस मामले में कोलकाता और भुवनेश्वर की अदालतों में कई आरोप पत्र दाखिल किये जा चुके हैं.
प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि रोजवैली का मामला, सारधा घोटाले से काफी बड़ा घोटाला है. रोजवैली समूह ने दो अलग-अलग स्कीम में प्रलोभन देकर आम जनता से पैसे हड़पे. इस मामले में राज्य सरकार के वित्त विभाग के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) को भी पूछताछ के लिए समन भेजा गया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ओएसडी से 2012 में राज्य सरकार और रोज वैली ग्रुप के बीच हुए जमीन सौदे के बारे में पूछताछ की थी.
सीबीआइ ने इसके पूर्व अगस्त महीने में रोजवैली मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को तलब किया था. गौरतलब है कि रोजवैली समूह ने हॉलिडे मेंबरशिप स्कीम के नाम पर लोगों को अधिक पैसे लौटाने का झांसा देकर करीब एक लाख निवेशकों को 15 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. इस घोटाले के मास्टरमाइंड शिवमय दत्ता को भी सीबीआइ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. दत्ता रोजवैली ग्रुप का प्रबंध निदेशक रह चुका है.