प्रतिवाद के बाद पुलिस के समझाने पर हटाया सड़क जाम
आरोपी ने कहा: पंचायत चुनाव में हारने के बाद फंसाने की चल रही साजिश
दिनहाटा : एक छात्रा से छेड़खानी के मामले में दोषी स्कूल के ही ग्रुप डी कर्मचारी को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों के सहयोग से छात्राओं ने भेटागुड़ी में दिनहाटा-कूचबिहार राज्य सड़क को जाम कर दिया. सोमवार की दोपहर एक बजे के करीब भेटागुड़ी स्थित लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ की छात्राओं के इस आंदोलन के बाद मौके पर पहुंची दिनहाटा थाना पुलिस ने छात्राओं को समझाकर अवरोध को हटाया. इस घटना को लेकर कुछ देर तक आवागमन बाधित रहा. आरोप है कि करीब डेढ़ माह पूर्व स्कूल की एक 11वीं की छात्रा से उसी स्कूल के ग्रुप डी कर्मचारी प्रेम कुमार बर्मन ने छेड़छाड़ की कोशिश की थी. छात्रायें उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहीं हैं.
स्कूल के प्रभारी शिक्षक श्यामल दास ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले स्कूल की 11वीं की छात्रा को प्रेम कुमार बर्मन के पास प्रमाणपत्र में स्कूल का मुहर लगवाने के लिये भेजा गया था. उसी समय छात्रा के शरीर के साथ कर्मचारी का शरीर लग गया था जिसकी शिकायत छात्रा ने उनसे की थी. उसके बाद वह मामला रफा-दफा हो गया. घटना को लेकर छात्रा के परिवारवालों ने भी उनके पास कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है. वहीं, सूत्र बताते हैं कि कर्मचारी प्रेम कुमार बर्मन बीते पंचायत चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में दिनहाटा एक नंबर पंचायत समिति की 12 नंबर सीट से चुनाव लड़ा था.
उन्होंने तृणमूल के प्रत्याशी और स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रदीप राय को पराजित कर जीत हासिल की थी. चुनाव में पराजय के बाद से ही प्रदीप राय तरह तरह से प्रेम कुमार बर्मन को फंसाने का प्रयास कर रहे थे. आरोपी कर्मचारी प्रेम कुमार बर्मन ने बताया कि उस चुनाव में जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीते 17 मार्च को दिनहाटा के पेटला मे तृणमूल में शामिल हो गये.
उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बाद से ही उन्हें फंसाने की तरह तरह की साजिश रची जा रही है. उन पर लगे आरोपों के बाबत अध्यक्ष प्रदीप कुमार राय ने कहा कि डेढ़ माह पहले स्कूल के एक कर्मचारी ने एक छात्रा से छेड़खानी की कोशिश की थी. आज पथावरोध करने पर छात्राओं को समझाकर मना लिया गया है. इसके बाद प्रबंध समिति की बैठक में इस पर चर्चा करने के बाद अगला कदम उठाया जायेगा. उन पर लगे राजनीतिक आरोप बेबुनियादी है.