- पिछले एक महीने में 70 लाख रुपये से भी अधिक की हो चुकी है निकासी
- चेक को सबसे अधिक सुरक्षित बनानेवाली एमआइसीआर की भी हो रही कॉपी
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कोलकाता : साइबर क्राइम के बाद अब फर्जी चेक से निकासी
कोलकाता : महानगर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले एक महीने के दौरान फर्जी चेक के माध्यम से रुपये निकालने की घटनाएं काफी बढ़ी हैं. पिछले एक महीने के अंदर लगभग 70 लाख से भी अधिक रुपये फर्जी चेक के माध्यम से निकाले गये. जब यह मामला सामने आया, तो राज्य की खुफिया एजेंसी […]
कोलकाता : महानगर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले एक महीने के दौरान फर्जी चेक के माध्यम से रुपये निकालने की घटनाएं काफी बढ़ी हैं. पिछले एक महीने के अंदर लगभग 70 लाख से भी अधिक रुपये फर्जी चेक के माध्यम से निकाले गये.
जब यह मामला सामने आया, तो राज्य की खुफिया एजेंसी सीआइडी के भी होश उड़ गये, क्योंकि फर्जी चेक से रुपये निकालनेवाले गिरोह के पास चेक की कॉपी करने के लिए जिस प्रकार की मशीन है, उसने सीआइडी की चिंताएं बढ़ा दी है.
यह गिरोह चेक को सबसे अधिक सुरक्षित बनानेवाली चुंबकीय स्याही वर्ण पहचानकर्ता (एमआइसीआर), की भी कॉपी कर ले रहे हैं.
एक वरिष्ठ सीआइडी अधिकारी ने दावा किया कि धोखाधड़ी करनेवाले अब इतनी सफाई से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं कि चेक को सबसे अधिक सुरक्षित बनानेवाली चुंबकीय स्याही वर्ण पहचानकर्ता (एमआइसीआर) की भी कॉपी कर ले रहे हैं.
जनवरी महीने के पहले सप्ताह में हुई घटनाओं के बारे में जिक्र करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले सोमवार, श्यामबाजार स्थित बैंक प्रबंधकों में से एक ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए कहा कि दिनेश सिंह के रूप में पहचाने जानेवाले व्यक्ति ने अनुराधा देवी और उनके पति अनिल कुमार गोस्वामी द्वारा हस्ताक्षरित एक चेक से पैसे निकाले थे.
25.10 लाख रुपये का चेक नकली निकला. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो हफ्ते पहले जोड़ासांको में इसी तरह की धोखाधड़ी की गयी, जब शातिरों ने 31.10 लाख रुपये फर्जी चेक के जरिये निकाल लिये.
इसी सप्ताह कोलकाता के नाकतला क्षेत्र में भी फर्जी चेक से 10 लाख रुपये की निकासी हुई है. इन मामलों की जांच में जुटी सीआइडी ने पांच राष्ट्रीयकृत बैंकों और छह निजी बैंकों के साथ-साथ 30 एटीएम कार्डों समेत जाली चेकबुक भी जब्त की है.
सूत्रों के मुताबिक आरोपितों ने एमआइसीआर डेटा को भी हूबहू कॉपी कर लिया था, जो चौंकानेवाला है. जांचकर्ताओं को संदेह है कि बैंकों में असली चेक बुक बनाने के लिए इस्तेमाल होनेवाली तकनीकी और मशीनें भी चेक का फर्जीवाड़ा करनेवाले गिरोह के हाथ लग गयी है, जो बहुत खतरनाक है. इन मामलों में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कोलकाता पुलिस की बैंक फ्रॉड शाखा अब सीआइडी द्वारा गिरफ्तार किये गये सात में से एक मास्टरमाइंड से पूछताछ करने की योजना बना रही है, जिसे तीन सप्ताह पहले दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित एक दूसरे को व्हाट्सएप पर कॉल करते थे. एक बार चेक क्लियर हो जाता था, तो वे अलग-अलग खातों में पैसा ट्रांसफर कर देते थे. इसमें कुछ डुप्लीकेट चेक निर्माता भी शामिल हैं. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने डुप्लीकेट चेक कैसे और कहां से तैयार किये.
दिसंबर की शुरुआत से जनवरी के पहले सप्ताह तक ज्यादा फर्जीवाड़ा
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सीआइडी की टीम ने एक कारोबारी के खाते से तीन लाख रुपये की अवैध निकासी करनेवाले एक शातिर गिरोह के सरगना को दिल्ली से गिरफ्तार किया है.
पता चला है कि उसने फर्जी चेक के जरिये ये रुपये निकाले थे. उसके बाद एक के बाद एक कई मामले सामने आये, जिसमें कोलकाता में फर्जी चेक के जरिये रुपये की अवैध निकासी करने के मामले शामिल थे. इन सभी घटनाओं की जांच राज्य सीआइडी की टीम कर रही है.
सीआइडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हाल के दिनों में कोलकाता में बड़ी संख्या में चेक फर्जीवाड़ा कर लोगों के खाते से रुपये निकालने के मामले सामने आये हैं. दिसंबर की शुरुआत से, जनवरी के पहले सप्ताह तक कोलकाता के अधिकतर क्षेत्रों में इस तरह की आपराधिक घटनाएं सामने आयी हैं, जिसकी जांच में सीआइडी जुट गयी है.
राज्य की खुफिया एजेंसी सीआइडी भी चिंतित
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