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हुगली: हमारा क्या कसूर है. ज्यादातर मर्द (पुरुष) डर के मारे घर पर नहीं रह रहे हैं. उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि पता नहीं कब और किसे पुलिस गिरफ्तार कर ले. इधर, मिल भी बंद है. इसके कारण उनके समक्ष रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं. यह कहना है चांपदानी स्थित नॉर्थ […]

हुगली: हमारा क्या कसूर है. ज्यादातर मर्द (पुरुष) डर के मारे घर पर नहीं रह रहे हैं. उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि पता नहीं कब और किसे पुलिस गिरफ्तार कर ले. इधर, मिल भी बंद है. इसके कारण उनके समक्ष रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं.

यह कहना है चांपदानी स्थित नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के श्रमिकों व उनके परिजनों का. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर चांपदानी के विधायक मुज्जफर खान शुक्रवार को मिल के क्वार्टरों में रह रहे श्रमिकों और उनके परिजनों से मिले. उनसे हुई बातचीत के दौरान श्रमिकों ने राज्य सरकार से मिल खुलवाने और घर से बाहर रह रहे श्रमिकों को वापस घर लाने की व्यवस्था की मांग की.

जानकारी के मुताबिक, विधायक अपराह्न 12.30 बजे नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के क्वार्टर लाइन पहुंचे. बारी-बारी से उन्होंने प्रत्येक क्वार्टर का दौरा किया. श्रमिकों और उनके परिजनों से हुई बातचीत के बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बारे में संबंधित अधिकारी व मंत्री को अवगत करायेंगे. श्रमिकों की समस्या दूर करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.

ध्यान रहे कि गुरुवार को नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के श्रमिकों पर गहराये संकट को लेकर चांपदानी के विधायक मुजफ्फर खान ने वैद्यवटी स्थित अपने आवास पर बीएमएस, एनएफजेडब्ल्यू, एटक, एयूजेटीडब्ल्यू, आरसीएमयू, इंटक व एचएमएस के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. संगठनों की ओर से मांग की गयी है कि जो श्रमिक डर से क्वार्टर नहीं आ रहे हैं, उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की जाये. साथ ही बंद मिल को खोलने व क्वार्टरों में बिजली-पानी की व्यवस्था करायी जाये. 15 जून को नॉर्थ ब्रुक जूट मिल में श्रमिकों के हमले से मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) एचके माहेश्वरी की मौत के बाद से ही उक्त जूट मिल के श्रमिकों के बीच भय का माहौल है.

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