जलपाईगुड़ी: डुवार्स के जलदापाड़ा वन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त ढांचागत सुविधाओं का अभाव देखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वन विभाग व पर्यटन विभाग के अधिकारियों को जम कर लताड़ लगायी है. साथ भी वन मंत्री को भी नहीं बख्शा. मदारीहाट में उत्तर बंगाल विकास परिषद की बैठक के बाद मुख्यमंत्री जलदापाड़ा, राजाभातखावा व हालोंग के विभिन्न वन क्षेत्रों का दौरा किया.
यहां आने वाले पर्यटकों के लिए ढांचागत सुविधाओं की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री काफी नाराज दिखीं. पहले वह राजाभातखावा गयीं. राजाभातखावा वन बंगले की बेहाल स्थिति को देखकर उनका पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया. उस समय वहां वन व पर्यटन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
सुश्री बनर्जी ने सभी अधिकारियों को अपने पास बुलाया और कहा कि एक ओर जहां राज्य सरकार डुवार्स क्षेत्र में पर्यटकों को लाने की तमाम कोशिश कर रही है तो दूसरी ओर ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए आप लोगों ने कुछ भी नहीं किया है. उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द राजाभातखावा वन बंगले को दुरुस्त कराने का निर्देश दिया. ममता वहां से जलदापाड़ा गयीं. वहां वह वन विभाग व पर्यटन विभाग के कार्यो से संतुष्ट नहीं हुईं. उस समय उनके साथ कूचबिहार के विधायक व वन विकास निगम के चेयरमैन रवींद्रनाथ घोष और वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन भी उपस्थित थे. सीएम ने वन मंत्री व कूचबिहार के विधायक रवींद्रनाथ घोष को भी नहीं छोड़ा.
मंत्री ने दी सफाई
अपनी सफाई में वन मंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सही जानकारी नहीं दी. इस वजह से वन बंगले की मरम्मत नहीं हो सकी. इसे तुरंत ठीक किया जायेगा. मुख्यमंत्री कहा कि अगर इस इलाके की यही स्थिति बनी रही तो यहां पर्यटक कहां से आयेंगे.
उन्होंने वन मंत्री को एक रिपोर्ट बनाकर देने का आदेश भी दिया. उसके बाद वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन तथा कूचबिहार के विधायक रवीन्द्र नाथ घोष वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वहां से रवाना हो गए. इस बीच, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी ने अधिकारियों को उत्तर बंगाल के तराई तथा डुवार्स में स्थित सभी वन बंगलो को सजाने-संवारने का निर्देश दिया है. सभी कमरों को आकर्षक बनाने के साथ-साथ सभी कमरे में एलक्ष्डी टीवी लगाने, साफ-सफाई की व्यवस्था करने, पेयजल की नियमित आपूर्ति करने आदि के निर्देश दिये हैं.