कोलकाता: माध्यमिक परीक्षा के टॉपरों में कोई डॉक्टर बनना चाहता है, तो कोई इंजीनियर तो कोई वैज्ञानिक. टॉप टेन के छात्रों में कोई भी राजनेता नहीं बनना चाहता है और न ही वकील- लेखक या कलाकार. टीवी चैनलों को देखते भले ही हैं, लेकिन अखबार के पन्ने पलटने पर उनकी निगाहें खेल पेज और खेल की खबरों पर ही टिक जाती हैं. आइटी सेक्टर में जाने या फिर प्रोफेसर में भी कोई खास रुचि नहीं है.
माध्यमिक परीक्षा में प्रथम स्थान पानेवाला कमारपुकुर रामकृष्ण मिशन का छात्र अर्णव मल्लिक डॉक्टर बनना चाहता है. उसी तरह से दूसरा स्थान हासिल करनेवाला काशीराम दास विद्यामंदिर का छात्र अनिरुद्ध सरकार भी डॉक्टर बनना चाहता है.
तीसरा स्थान हासिल करनेवाला इसलामपुर हाइस्कूल का छात्र प्रीतम दास का उद्देश्य बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना है. यदि वैज्ञानिक नहीं बन पाता है, तो चिकित्सक बनना लक्ष्य है. प्रीतम प्रतिदिन 15 घंटे पढ़ाई करता था. पांचवां स्थान प्राप्त करनेवाला बर्दवान टाउन स्कूल का द्वैपयान दूबे भी डॉक्टर बनना चाहता है.
यदि किसी तरह से डॉक्टर नहीं बन पाता है, तो अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता है. वहीं, नवनालंदा के अघ्र्या माइती व अरित्र पाल दोनों ही डॉक्टर बनना चाहते हैं. अघ्र्या को क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है व जब भी समय मिलता है, तो कहानी की किताबों में डूब जाता है. वहीं, अरित्र को खाली समय में काटरून देखना अच्छा लगता है. सातवां स्थान हासिल करनेवाले इसलामपुर हाइस्कूल के वाणीव्रत सिन्हा इंजीनियर बनना चाहता है. इसी तरह से नौवां स्थान हासिल करनेवाली मौसम दत्त भी इंजीनियर बनना चाहती है. खाली समय में कहानी की किताबें पढ़ने व कंप्यूटर पर गेम खेलना उसे पसंद है. दूसरी ओर, टॉपरों में हावड़ा के अभिषेक पात्र का उद्देश्य भी डॉक्टर बनना है.