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लाचार मरीजों को छोटे से ऑपरेशन के बहाने अस्पताल में भरती कराते हैं

फरक्का/कोलकाता : धोखे में रखकर अपनी पत्नी की किडनी बेच दिये जाने का आरोपित पति जीत सरकार को फरक्का पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो मानव अंग के इस गोरखधंधे के तार कोलकाता से जुड़े हैं. अब इस गोरखधंधे का राज गिरफ्तार आरोपित […]

फरक्का/कोलकाता : धोखे में रखकर अपनी पत्नी की किडनी बेच दिये जाने का आरोपित पति जीत सरकार को फरक्का पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो मानव अंग के इस गोरखधंधे के तार कोलकाता से जुड़े हैं. अब इस गोरखधंधे का राज गिरफ्तार आरोपित जीत सरकार खोलेगा. पुलिस इस मानव अंग तस्करी की तहत तक जाने के लिए प्रयासरत है. फरक्का पुलिस बिंदुग्राम गांव निवासी महादेव चंद्र हलदार की पुत्री रीता हलदार (36 वर्ष)के मामले को लेकर गंभीर है.

झोला छाप डॉक्टर की भी रहती है संलिप्तता : कई बड़े शहरों में चिकित्सक की संलिप्तता तो इस कार्य में होती ही है, पर गिरोह के माफिया इस धंधे में झोला छाप डॉक्टर को भी शामिल करते हैं. झोला छाप डॉक्टर के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब व लाचार बीमार लोगों को इसका शिकार बनाते हैं और कम खर्च पर अपेंडिक्स या अन्य छोटा ऑपरेशन आवश्यक रूप से कराये जाने की बात बता कर कोलकाता के ऐसे अस्पतालों में भर्ती कराते हैं और फिर वहां उसकी किडनी निकाल कर ऊंचे दामों पर बेच देते हैं.
अधिकांश मामले में गरीबी व लाचारी के कारण लोग इसका विरोध सख्ती से नहीं कर पाते हैं. फरक्का आईसी उदय शंकर घोष ने बताया कि पीड़ित महिला व उसके पिता से पूछताछ हुई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाये जायेंगे, सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
क्या था मामला : फरक्का थाना क्षेत्र के बिंदुग्राम निवासी महादेव चंद्र हलदार ने अपने पुत्री रीता हलदार 36 की शादी लगभग 14 वर्ष पूर्व मुर्शिदाबाद जिला के लालगोला थाना क्षेत्र के कृष्णोपुर सारापाड़ा निवासी जीत सरकार के साथ किया था. शादी के बाद से ही ससुराल वाले व उसके पति की ओर से चार पहिया वाहन की मांग की जा रही थी. मांग पूरा नहीं कर पाने की स्थिति में हल्का बीमार होने पर ही उसे अपेंडिक्स के ऑपरेशन कराये जाने की बात बताते हुए कोलकाता ले जाया गया. जहां किसी नर्सिंग होम में ले जा कर धोखे से रीता की दाहिने ओर की किडनी निकाल कर बेच दिया.
महानगर के कई अस्पतालों के रैकेट से जुड़े होने की आशंका
पुलिस के अनुसार अभी तक जो जानकारी मिली है, इससे पता चलता है कि कोलकाता में कई अस्पताल हैं, जहां से इस गिरोह के माफिया का सीधा संबंध है. मानव अंग तस्कर गिरोह सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं, यह गिरोह कई राज्यों में संचालित है, जिनका मूल केंद्र कोलकाता है. कोलकाता में कई ऐसे संस्थान हैं, जहां इलाज के नाम पर मरीज की किडनी निकाल ली जाती है. इस कार्य को लेकर गिरोह के माफिया हर क्षेत्र में अपना एजेंट बना कर रखे हैं. एजेंट ऐसे गरीब व अन्य लाचार लोगों को इलाज के नाम पर फंसा कर धोखे से उसका कीडनी तक निकलवाने काम करते हैं देते हैं.
क्या कहते हैं आइसी
फरक्का थाना के आइसी उदय शंकर घोष ने कहा कि मामले को पुलिस ने गंभीरता पूर्वक लिया है. इस मामले में एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है. अवैध तरीके से पूरी जालसाजी कर किसी व्यक्ति का किडनी निकाल लेना बड़ा अपराध है. ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया जा रहा है. वैसे अस्पतालों को भी चिन्हित किया जा रहा है. जहां इस तरह के कार्य को अंजाम दिया जाता है. इन सभी के विरूद्ध पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी.

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