निवेशकों ने की ईडी से जांच की मांग
अलीपुरद्वार : सारधा घोटाले के जांच में उतरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कंपनी की सभी संपत्तियों के बारे में जांच-पड़ताल कर रही है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार कुछ संपित्त जब्त की गयी है. इसकी जानकारी उच्च स्तर पर दे दी गयी है. पूरे मामले की जांच कानूनी प्रक्रिया से हो रही है. जबकि स्थानीय लोग चाहते हैं कि मामले की जांच के लिए ईडी की टीम अलीपुरद्वार भी आए.
जानकारी के अनुसार, अलीपुरद्वार महकमे में सारधा के जमाकर्ताओं में से कुछ ही लोग सरकार के घोषित राहत कोष से रुपये वापस ले पाये हैं. बाकी जमाकर्ताओं का भविष्य अभी भी अधर में है. जानकारी के मुताबिक, अलीपुरद्वार थाना में सारधा कंपनी की कई गाड़ियां पड़ी हुई है. ये गाड़ियां देखरेख के आभाव में कबाड़ बन रही है. जब इसे बेचा जायेगा, तो खरीदार मिलना मुश्किल हो जायेगा. सूत्रों के मुताबिक, अलीपुरद्वार शहर से सटे दमनपुर, कालचीनी, फालाकाटा इलाके में सारधा के नाम पर जमीन खरीदी गयी थी. पुलिस अभी तक इनका कुछ नहीं कर पायी है.
सारधा मामले के आरोपी सुदीप्त सेन, देवजानी मुखर्जी, कुणाल घोष को अलीपुरद्वार अदालत में कई बार पेश किया गया, लेकिन इनके पास से अलीपुरद्वार में इनकी संपत्तियों को लेकर पुलिस कोई खास जानकारी हासिल नहीं कर पायी है. इसलिए अब अलीपुरद्वार के लोग चाह रहे हैं कि ईडी अधिकारी यहां पर आयें. चारो और फैले सारधा की संपत्तियों का पता लगाएं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मेघारिया ने कहा कि हमने जो भी संपत्ति जब्त की है, उसकी जानकारी अदालत को दी गयी है. कंपनी की यहां कोई जमीन है या नहीं इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
असम गोलीबारी में एनडीएफबी ने हाथ होने से किया इनकार
जलपाईगुड़ी. असम के गैर बोडो संप्रदाय के लोगों की गोली कर हत्या करने के घटना के पीछे एनडीएफबी का कोई जुड़ा नहीं है. इसके पीछे असम की राज्य सरकार गुप्त रूप से षड्यंत्र कर रही है. असम से भेजे गये एक प्रेस विज्ञप्ति में यह दावा एनडीएफबी के सूचना व संस्कृति विभाग के सचिव एनई एसरा ने की है. उल्लेखनीय है कि असम के बोडोलैंड इलाका अंतर्गत गोसाईं गांव के बाल पाड़ा व बक्सा जिले में 32 गैर बोडो संप्रदाय के लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गयी है. राज्य सरकार ने इस घटना के लिए एनडीएफबी उग्रवादी संगठन को दोषी ठहराया है.