कोलकाता : समय के साथ अपराध करने के तरीके में भी बदलाव हो रहा है. आये दिन अपराधी अपराध करने के तरीके को हाइटेक कर रहे हैं, जिससे जब तक पीड़ित को पता चले, तब तक उनका नुकसान हो चुका होता है. हाल के दिनों में नये किस्म के अपराध के शिकार महानगरवासी हो रहे हैं. थानों में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस शातिर गैंग तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
कैसे ठगे जा रहे लोग
कुछ दिनों से महानगर के लोगों के मोबाइल में मैसेज आ रहे हैं, जिनमें उनके क्रेडिट कार्ड से रुपये निकाल लिये जाने की जानकारी दी जा रही है. जबकि उनका क्रेडिट कार्ड उनकी जेब में व घर के लॉकर में सुरक्षित मौजूद रहता है. ऐसी स्थिति में लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं, कि उनके पास कार्ड सुरक्षित रहने के बावजूद अकाउंट से रुपये कैसे निकल जा रहे हैं. संक्षेप में कहें कि सुरक्षित स्थिति में होने के बावजूद कार्ड से रुपये कैसे निकाल लिये जा रहे हैं. शिकायत करने पर बैंक की तरफ से उन्हें स्थानीय थानों में भेज दिया जा रहा है.
क्या शिकायत कर रहे हैं ग्राहक
हाल ही में पोस्ता इलाके के कॉटन स्ट्रीट में रहनेवाले इस घटना के शिकार किशन कुमार केडिया ने पोस्ता थाने में पुलिस को शिकायत में बताया कि वह एक सरकारी बैंक का क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. 26 अक्तूबर की सुबह 8.20 बजे उनके मोबाइल में एक मैसेज आया. इसमें उनके क्रेडिट कार्ड से दो लाख 174 रुपये ऑनलाइन निकाले जाने की जानकारी दी गयी थी. इसके बाद उन्होंने कस्टमर केयर अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गयी.
इस मामले में लालबाजार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिर्फ एक नहीं, महानगर के विभिन्न इलाकों में इस तरह से ठगी के शिकार अनगिनत लोग हो रहे हैं. विभिन्न थानों में ऐसी शिकायतों की लिस्ट काफी लंबी है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि जिन लोगों के साथ यह घटना घटी है, या तो उनके कार्ड की जानकारी कहीं से चुरायी गयी है, या तो वे ऑनलाइन खरीदारी के समय कुछ लापरवाही बरते हैं. जिससे वे ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं. लिहाजा क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्डधारक अगर कार्ड के इस्तेमाल करने के पहले और बाद में थोड़ी सावधानियां बरतें, तो वे इस तरह की ठगी से सुरक्षित रह सकते हैं.
ऐसे ठगी से बचने का क्या है तरीका
- कभी भी कार्ड से विभिन्न कंपनियों के मोबाइल में ई-वॉलेट में रुपये ट्रांसफर करें, तो कार्ड नंबर वहां आॅटो सेव ना रखें
- समय-समय पर कार्ड का पासवर्ड बदलते रहें
- अपने किसी भी कार्ड की जानकारी फोन पर या आमने-सामने किसी को न बतायें
- कंप्यूटर या लैपटॉप से ऑनलाइन खरीदारी करते समय कार्ड का नंबर पेमेंट मोड के समय स्थायी तौर पर सेव न रखें
- मोबाइल में कई कंपनियों के इ-वॉलेट उपलब्ध हैं. सिर्फ बड़ी ब्रांडेड कंपनियों के ई-वॉलेट में ही कार्ड से ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर कर ऑनलाइन खरीदारी करें. सभी इ-वॉलेट सुरक्षा की दृष्टि से सेफ नहीं होते.
- कभी भी रुपये निकालने भीड़भाड़ वाले इलाके में मौजूद एटीएम का ही इस्तेमाल करें. हाल ही में जांच में पाया गया कि बाइपास से संलग्न कुछ इलाकों में एक-दो एटीएम में छेड़छाड़ के संकेत मिले थे. हो सकता है कि इन एटीएम में कुछ ग्राहकों के कार्ड की जानकारी क्लोन की गयी हो. ये जानकारी दूसरे कार्ड में डालकर उससे रुपये निकाले गये हों.