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दुखद: क्लब के सदस्यों से तंग आकर अपने शरीर में लगा ली थी आग, व्यवसायी की मौत पर आक्रोश

आरोप है कि एक व्यवसायी को स्थानीय क्लब के सदस्यों ने इतना परेशान किया कि उसे अपना कारखाना बंद करना पड़ा. इसके बाद भी उनका जुल्म नहीं थमा तो कारखाना मालिक ने सबके सामने अपने शरीर में आग लगा ली. घटना के 16 दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. हावड़ा. ढाई महीने से […]

आरोप है कि एक व्यवसायी को स्थानीय क्लब के सदस्यों ने इतना परेशान किया कि उसे अपना कारखाना बंद करना पड़ा. इसके बाद भी उनका जुल्म नहीं थमा तो कारखाना मालिक ने सबके सामने अपने शरीर में आग लगा ली. घटना के 16 दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गयी.

हावड़ा. ढाई महीने से स्थानीय क्लब के सदस्यों द्वारा परेशान किये जाने के कारण एक कारखाना मालिक ने खुद अपने शरीर में आग लगा ली थी, जिसमें वह गंभीर रूप से झुलस गया था. उसे हावड़ा जिला अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां रविवार सुबह में उसकी मौत हो गयी. मृतक का नाम तपन मंडल (67) है. घटना दासनगर थाना अंतर्गत इच्छापुर सियालडांगा इलाके की है.

कारखाना मालिक की मौत की खबर मिलते ही इलाके वासियों का आक्रोश फूट गया. स्थानीय लोगों ने रविवार शाम में सड़क पर शव रखा पथावरोध किया. क्लब के दोषी सदस्यों को गिरफ्तार करने की मांग की. आरोप है कि मौके पर पहुंचे पुलिस वालों ने परिजनों एवं स्थानीय लोगों से बदसलूकी की. आरोप सियालडांगा बालक संघ के सदस्यों पर है. परिजनों का कहना है कि पुलिस इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है. विवाद की जड़ कारखाना एवं घर के सामने खाली पड़ी जमीन पर क्लब सदस्यों द्वारा मिट्टी फेंकने को लेकर है. इससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया, जिस कारण तपन मंडल का व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया था. परिजनों ने पूरी घटना की जानकारी स्थानीय पार्षद सुब्रत पोल्ले को दी थी. आरोप है कि पार्षद ने मामला सुलझाने की बजाय क्लब के सदस्यों को मदद की.

क्लब के सदस्यों ने इतना किया परेशान की बंद करना पड़ा कारखाना

तपन मंडल का घर आैर कारखाना एक ही जगह है. कारखाना के सामने 100 फीट लंबा व 50 फीट चौड़ी खाली जमीन है. यह जमीन सरकारी है. ढाई महीने पहले बालक संघ के सदस्यों ने उस जमीन पर मैदान बनाने के लिए मिट्टी फेंक दी. इससे कारखाना से सड़क तक आने-जाने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया. वाहनों के प्रवेश नहीं होने के कारण लोडिंग-अनलोडिंग पूरी तरह बंद हो गया. परिजनों के अनुसार, कई बार क्लब के सदस्यों को मिट्टी फेंकने से मना किया गया लेकिन वह नहीं माने. इसका असर व्यवसाय पर पड़ा. ढाई महीने बाद तपन को कारखना बंद कर देना पड़ा. 15 श्रमिकों को पूजा का बोनस देकर छुट्टी दे दी गयी. 23 सिंतबर की शाम सात बजे क्लब के सदस्य फिर से मिट्टी फेंकने लगे. कारखाना मालिक ने रोकने की कोशिश की लेकिन किसी ने एक न सुनी. बाध्य होकर सबके सामने तपन मंडल ने उसी मैदान में अपने शरीर में आग लगा ली. क्लब के सदस्य देखते रहे लेकिन कोई बचाने नहीं आया. चीख सुनकर घर के लोग बाहर निकले. गंभीर हालत में उन्हें हावड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. रविवार सुबह सात बजे उनकी मौत हो गयी.

क्लब के सदस्यों ने मेरे पिता को बहुत सताया. उनके कारण व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया. कारखाना बंद करना पड़ा. मेरे पिता ने बाध्य होकर खुद को आग लगा ली. इसके बावजूद क्लब के सदस्यों ने मिट्टी फेंकना बंद नहीं किया. बोरो चेयरमैन से लेकर पार्षद तक हमलोगों ने मदद की गुहार लगायी लेकिन किसी ने एक न सुनी. पुलिस से मेरी गुजारिश है कि वह अपनी ताकत आरोपियों को गिरफ्तार करने में दिखाये, ना कि हमें धमकाने में.

अंतरा मंडल,मृत कारखाना मालिक की बेटी

घटना दुखद है. मैंने दोनों पक्षों को बातचीत के माध्यम से मामले को सुलझाने के लिए कहा था. मैंने किसी की मदद नहीं की है. अगर कोई दोषी है तो पुलिस उसे गिरफ्तार करे.

सुब्रत पोल्ले, स्थानीय पार्षद

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