कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि खुदरा पैसा के बदले कूपन या प्लास्टिक के कॉयन देना अवैध है. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है. साथ ही राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर एक हलफनामा दाखिल कर यह बताना होगा कि उसने इस संबंध में क्या कदम उठाये हैं.
उल्लेखनीय है कि स्वयंसेवी संस्था, इंडिया स्माइल की ओर से राजीव सरकार नामक व्यक्ति ने हाइकोर्ट में मामला दायर कर कहा था कि महानगर की बसों आदि में खुदरे पैसे की किल्लत होने के कारण प्लास्टिक के कॉयन या कूपन दिये जा रहे हैं. यह भारतीय रिजर्व बैंक के समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने के समान है और अवैध है.
बुधवार को ही केंद्र सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि यह राज्य सरकार का आंतरिक मामला है और वह कुछ नहीं कर सकते, लेकिन पैसों के बदले कूपन या प्लास्टिक के कॉयन देना, समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने के समान है जो अवैध है.