लखनऊ : बाबरी विध्वंस मामले में शनिवार को पूर्व सांसद एवं महंत राम विलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चपंत राय बंसल एवं धर्मदास ने सीबीआइ की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने सभी मुल्जिमों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. इन्हें 20 हजार रुपये की जमानत और इनती ही राशि के निजी मुचलका पर जमानत दे दी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 19 अप्रैल को पारित आदेश के बाद अयोध्या प्रकरण की विशेष अदालत ने छह मुल्जिमों को तलब किया था. विशेष अदालत के इसी आदेश के अनुपालन में शनिवार को इन पांच मुल्जिमों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि एक मुल्जिम डॉ सतीश प्रधान हाजिर नहीं हो सके.
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सीबीआइ के विशेष वकील आरके यादव, पूर्णनेंदु चक्रवर्ती और ललित सिंह के मुताबिक, अब मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की याचिका पर रायबरेली की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही को लखनऊ स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया था. न्यायालय ने कहा था कि लखनऊ की विशेष अदालत हर रोज सुनवाई कर दो साल में मुकदमे का निस्तारण करेगी.
* केस की कार्यवाही शुरू
लखनऊ में सीबीआइ की विशेष अदालत में फैजाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी आरएन श्रीवास्तव, जयभान सिंह पवैया, आचार्य धमेंद्र देव व सुधीर कक्कड़ समेत कुल 28 मुल्जिमों के मुकदमे की कार्यवाही शुरू हो गयी है. हालांकि, अब तक इनमें से छह मुल्जिमों की मुकदमे के दौरान ही मौत हो चुकी है.
शेष मुल्जिम लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती, विहिप के चेयरमैन अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया व साध्वी रितंभरा समेत आठ मुल्जिमों के मामले की कार्यवाही रायबरेली की अदालत में चलने लगी. इनमें अशोक सिंघल व गिरिराज किशोर का निधन हो चुका है.