लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने सरकारी आवास पर पार्टी के सौ से अधिक पहली बार चुने गये विधायकों से भेंट की और उनसे उनके क्षेत्रों में पार्टी के बारे मे जमीनी जानकारी लेते हुए सरकार के विकास कार्यों को प्रचारित करने के निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पार्टी की एक विधायक रुचिवीरा ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री ने हमसे जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी ली और सरकार के विभिन्न विकास परियोजनाओं और कार्यक्रमों को आम आदमी के बीच जोरशोर से प्रचारित करने के निर्देश दिये.’ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सरकार और पार्टी से जनता की अपेक्षाओं की भी जानकारी ली ताकि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी घोषणापत्र तैयार करने में उसका उपयोग किया जा सके.
यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले विधायकों ने कहा कि इन मुलाकातों के पीछे कोई ‘राजनीतिक’ मंशा नहीं थी और अखिलेश ने केवल जमीनी स्थिति जाननी चाही. मगर इस कवायद को विधायकों का मूड भांपने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा सकता है, क्योंकि इस समय पार्टी में चुनाव के टिकट बांटने का काम चल रहा है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से मुख्यमंत्री अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहेहैं. मगर अयोध्या जैसी कुछ सीटों पर टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है.
अयोध्या से मौजूदा विधायक तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय को शिवपाल ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश ने उन्हें अपने मंत्रिपरिषद में शामिल रखा है.