लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी में जारी विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार आज की बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है जिसकी चिट्ठी राज्यपाल के भेज दी गई है. बर्खास्त किए गए अन्य मंत्रियों के नाम हैं- नारद राय, शादाब फातिमा और ओम प्रकाश सिंह.
टीवी रिपोर्ट के अनुसार बैठक में अखिलेश ने कहा कि मैं ही नेताजी का असली उत्तराधिकारी हूं लेकिन पार्टी नेताजी की है वहीं फैसला करेंगे… उन्होंने कहा कि मैं 5 नवंबर के कार्यक्रम में जाऊंगा.
इधर, बर्खास्त होने के बाद शिवपाल यादव सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पहुंचे. मुलायम से मुलाकात के बाद शिवपाल अपनी निजी गाड़ी में वापस हुए. खबर है कि उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी वापस कर दी है.
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने कहा कि समझदार लोग जानते थे कि अमर सिंह की वापसी के बाद ऐसा समय पार्टी में आएगा ही.
आज अखिलेश यादव के साथ बैठक में 183 विधायक मौजूद थे. अखिलेश ने बैठक में भावुक बयान देते हुए कहा कि नेताजी पिता हैं मैं हमेशा उनकी सेवा करूंगा पार्टी तोड़ने का कोई इरादा नहीं है. बैठक के बाद अखिलेश राज्यपाल से मिलने गए हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी विधायकों की बैठक में अखिलेश ने अमर सिंह के लिए दलाल शब्द का उपयोग किया और उनकी करीबी जया प्रदा को फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया. अखिलेश समर्थकों ने उनके आवास के बाहर अमर सिंह का पुतला जलाया है.
गौरतलब है कि पार्टी में मची रार पर लगाम के मकसद से सोमवार को सपा मुखिया मुलायम सिंह ने विधायकों और पार्षदों की बैठक बुलायी है.
सोमवार की बैठक से पहले यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने सरकारी आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई जिसमें शिवपाल सर्मथकों को नहीं बुलाया गया. बैठक में किसी को भी फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गयी थी. इस बैठक में शामिल होने के लिए 16 एमएलए और 6 एमएलसी को न्योता नहीं भेजा गया था.
इन दोनों बैठकों के मद्देनजर सपा में जारी अंतर्कलह को लेकर अगले 48 घंटें को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इसी बीच आज सुबह राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने सपा कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर अखिलेश विरोधियों पर हमला बोला है. इस चिट्ठी में रामगोपाल यादव ने लिखा है कि सुलह की कोशिश अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश है और कार्यकर्ता अखिलेश के साथ जुटें. रामगोपाल ने कहा कि अखिलेश विरोधी विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे. साथ ही लिखा है कि जहां अखिलेश हैं, जीत वहीं है.
रामगोपाल की इस चिट्ठी के खिलाफ शिकायत लेकर पार्टी के कुछ विधायक सपा मुखिया मुलायम सिंह से मिलने उनके आवास पहुंचे.
बता दें कि रामगोपाल यादव ने इस पत्र में आगे लिखा है कि हम चाहते हैं कि राज्य में समाजवादियों की सरकार बने जबकि पार्टी का एक गुट चाहता हैं कि हर हाल में अखिलेश चुनाव हारें. हमारी सोच सकारात्मक है, जबकि उनकी सोच नकारात्मक है. गौर हो कि रामगोपाल ने इससे पहले मुलायम सिंह को भी एक चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में लिखा है कि अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर आगे नहीं करना अखिलेश को कमजोर करना होगा. ऐसा करना पार्टी के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है.
इससे पहले शनिवार को सपा के वरिष्ठ नेताओं की ओर से मुलायम-अखिलेश के बीच मतभेदाें को दूर करने की काेशिशों का ज्यादा असर नहीं दिखा.
उधर, अखिलेश के करीबी मानें जाने वाले सपा विधायक उदयवीर सिंह के पार्टी से निष्कासन ने विवाद को और सतह पर ला दिया है. माना जाता है कि मुख्यमंत्री अखिलेश के करीबियों को हटाने के बाद उनके स्थान पर नये लोगों की नियुक्ति से साफ है कि अब इन नेताअों की वापसी की राह और कठिन हो गयी है.