लखनऊ : यादव सिंह भ्रष्टाचार प्रकरण मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी. आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नूतन ठाकुर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण एवं यमुना एक्सप्रेस-वे के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डाक्टर धनंजय यशवन्त चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ला की खण्डपीठ ने आज यह फैसला स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की जनहित याचिका को मंजूर करते हुए सुनाया.
याचिका में आयकर विभाग की तरफ से 27:28 नवम्बर 2014 को यादव सिंह के दिल्ली, नोएडा तथा गाजियाबाद के आवासों पर छापे के दौरान मिली कथित अवैध सम्पत्तियों का हवाला देकर सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया गया था. इस मामले में राज्य सरकार ने जांच के लिये एक न्यायिक आयोग का गठन भी किया है. अदालत ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया है कि इस मामले में लगाये गये आरोपों के प्रकाश में यादव सिंह से सम्बन्धित अन्य लोगों के खिलाफ भी पूरी तरह से जांच करे. अदालत में कल इस मामले में सुनवाई पूरी हुई थी.
इस मामले में राज्य सरकार और यादव सिंह की तरफ से अदालत में जवाब पहले ही दाखिल किया जा चुका है. याचिकाकर्ता ने इससे पहले कहा था कि उसने अदालत में दाखिल पूरक हलफनामे में यादव सिंह की कथित फर्जी कंपनियों और उनके जरिये अवैध संपत्ति अर्जित करने के बारे में तथ्य प्रस्तुत किये थे. सरकार की तरफ से महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह एवं अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने याचिका के गुण दोषों पर सवाल उठाते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी.