लखनऊ : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रा के साथ कथित छेड़छाड़ और पुलिस लाठीचार्ज की घटना के बाद कुलपति जी. सी. त्रिपाठी विवादों में आ गये हैं. उनके ऊपर इस समय कई सवाल उठ रहे हैं. इधर वीसी एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं.
दरअसल वीसी त्रिपाठी ने नियुक्ति करने का अधिकार खत्म करने के ठीक एक दिन पहले एक ऐसे व्यक्ति को अस्पताल सुपरिटेंडेंट बनाया है जिसपर रेप का आरोप है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में वीसी ने रेप के आरोपी प्रोफेसर की नियुक्ति को मंजूरी दी है.
गौरतलब हो कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेशानुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कोई भी वीसी को अपने कार्यकाल के आखिरी दो माह में कोई भी न्यूक्ति करने का अधिकार नहीं है. लेकिन इस आदेश को भी ताक में रखकर वर्तमान वीसी त्रिपाठी ने रेप के आरोपी प्रोफेसर को अस्पताल का सुपरिटेंडेंट बना दिया. ज्ञात हो त्रिपाठी का कार्यकाल इसी साल 27 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
* बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ने इस्तीफा दिया
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रा के साथ कथित छेडछाड और पुलिस के लाठीचार्ज की घटना के बाद मचे बवाल के बीच संस्थान के चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओंकार नाथ सिंह ने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि सिंह ने अपना इस्तीफा मंगलवार देर रात कुलपति जी. सी. त्रिपाठी को सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया है.
* क्या है बीएचयू मामला
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी. उसने आरोप लगाया था कि जब वह परिसर के भीतर ही अपने छात्रावास की ओर लौट रही थी तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़ की.
बृहस्पतिवार को हुई इस घटना के खिलाफ कुछ छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. कुछ विद्यार्थियों ने कुलपति से उनके आवास पर मिलने की कोशिश की जिसके बाद हिंसा फैल गयी. स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया. इस घटना की जांच का आदेश दिया गया है.
* बीएचयू में हुई घटना साजिश का परिणाम : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हाल में हुई हिंसक घटना को साजिश बताते हुए कहा कि मामले की शुरुआती जांच से असामाजिक तत्त्वों की भूमिका सामने आई है.
योगी ने कहा, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जो घटना हुई वह एक साजिश का परिणाम थी और शुरुआती जांच में इसमें असामाजिक तत्वों की भूमिका सामने आई है. उन्होंने कहा कि अराजकता फैलाने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा.
विश्वविद्यालय में हो रहे घटनाक्रम की कवरेज करने गए पत्रकारों पर हुई लाठीचार्ज की घटना के सम्बंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम जांच रिपोर्ट मिलते ही दोषियों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि बीएचयू प्रकरण संवेदनशील है. छात्राओं की समस्याओं के समाधान के लिए प्राक्टोरियल बोर्ड को अपना काम करना चाहिए था.