22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रामपुर में तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों का घोटाला, हाई कोर्ट ने नौकरशाही की भूमिका पर उठाए सवाल

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर में तालाब के सौंदर्यीकरण में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि एक अनुपयोगी योजना को मंजूरी दी गई. इसके जवाबदेह रामपुर व लखनऊ के बड़े अधिकारी भी हैं.

UP Praygraj News: रामपुर जिले के पनवड़िया गांव में तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने एसआईटी को सौंप दी है. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि बड़े अधिकारी इस मामले में छोटे अधिकारियों व कर्मचारियों को फंसा रहे हैं. कोर्ट ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है.

प्रमुख सचिव शहरी योजना एवं विकास की अध्यक्षता में डीआईजी मुरादाबाद की दो सदस्यीय टीम गठित की गई है. कोर्ट ने एसआईटी से प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार होने से लेकर योजना की मंजूरी, धन के खर्च के घपले की शुरुआत से अंत तक की जांच छह माह में पूरी करने का निर्देश देते हुए 18 अक्तूबर को रिपोर्ट मांगी है.

कोर्ट ने सरकारी धन की लूट पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि पहले अनुपयोगी योजना तैयार कर मंजूरी दी और फिर जांच बैठा कर चार छोटे अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए पल्ला झाड़ लिया. तीन करोड़ के घोटाले के जवाबदेह रामपुर व लखनऊ के बड़े अधिकारी भी हैं. कोर्ट ने प्रोजेक्ट के कनिष्ठ अभियंता सरफराज फारूक की पुलिस रिपोर्ट पेश होने या 90 दिन के लिए अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है.

Also Read: Sarkari Naukri: इलाहाबाद हाई कोर्ट में 411 पदों पर वैकेंसी, आवेदन करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

कोर्ट ने कहा, तीन करोड़ खर्च करने के बाद प्रोजेक्ट को रोक दिया गया. टैक्स पेयर्स का पैसा भी नौकरशाही के गलत फैसले के कारण हड़प लिया गया. यही नहीं, तालाब नगर की सीमा से बाहर है, फिर भी डीपीआर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने तैयार किया. वहीं, सरकार में बैठे बड़े अधिकारियों ने बगैर जांच के इसको मंजूरी दे दी और 40 फीसदी काम होने के बाद जिलाधिकारी ने एक एसडीएम के नेतृत्व में जांच कमेटी बना दी, जिसने भारी घोटाले का खुलासा किया. कोर्ट ने कहा कि प्रोजेक्ट की कोई उपयोगिता नहीं है.

बता दें, पनवड़िया गांव के तालाब के सुंदरीकरण की योजना के लिए 7 करोड़ 96 लाख 89 हजार रुपये मंजूर किए गए. तीन करोड़ की किश्त भी जारी की गई, लेकिन योजना के औचित्य पर विचार नहीं किया गया. यह घोटाला 2016-17 का है, जिसमें एफआईआर नायब तहसीलदार ने 2019 में लिखवाई थी. एफआईआर में चार छोटे अधिकारियों को नामजद किया गया था.

Posted by : Achyut Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel