Bareilly News: दरगाह आला हजरत के संगठन से जुड़े बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बाबा रामदेव के बयान "मजहब से आतंकवाद" को जोड़ने पर नाराजगी जताई है. बरेलवी मौलाना ने कहा कि सूफिज्म ने हमेशा आतंकवाद का विरोध किया है, आगे भी किया जाएगा.
आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता. हमने मुस्लिम संगठनों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों की हमेशा मुखालफत की है, और आगे भी करेंगे. मौलाना ने कहा कि बोर्डों, नक्सलाइट, बर्मा, डेनमार्क स्वीडन आदि जगह पर आतंकवादी गतिविधियां हिंदू और ईसाई धर्म के मानने वाले लोगों ने की है, और कर रहे हैं, तो क्या इनके मजहब पर भी इल्जाम लगाना सही होगा.
बाबा रामदेव ने दो दिन पूर्व गणतंत्र दिवस पर पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को भारत में शामिल कराने के साथ ही आतंकवाद को मुस्लिम धर्म से जोड़ने का बयान दिया था. इसको लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शनिवार दोपहर आतंकवाद को धर्म से जोड़कर देखने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा यह एक बीमारी है. इसको हम लोगों को मिलकर खत्म करना होगा.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने क्या कहा
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी से कहा कि रामदेव को यह जान लेना चाहिए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. अगर, किसी भी धर्म से आतंकवाद को जोड़ा गया, तो एक बड़ी समस्या खड़ी होगी. इसका हमें एहसास नहीं है. हमारी तरफ से हमेशा अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा समेत तमाम संगठनों का खुले तौर पर पर विरोध (मुखालफत) किया है. यह आगे भी किया जाएगा.
भारत में आतंकवाद नहीं पनप सकता
डेनमार्क ने पैगंबर इस्लाम की तौहीन की थी. इस पर ईसाई धर्म को दोषी ठहराना ठीक नहीं होगा. बर्मा में बौद्ध धर्म के लोगों ने बड़ी संख्या में कत्लेआम किया. आतंकी घटना को अंजाम दिया. इन घटनाओं को आतंकवाद से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. भारत की विचारधारा का सुफिज्म की है. यहां की मिट्टी में सूफिज्म भरा हुआ है. इसीलिए भारत में आतंकवाद नहीं पनप सकता, और आगे भी नहीं पनपेगा.
बाबा रामदेव मजहब को आतंकवाद से न जोड़े
बाबा रामदेव को अपनी हैसियत समझने का मशविरा (सलाह) दी. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव दिल्ली रामलीला मैदान से महिलाओं का लिवास (कपड़े) पहन कर भागे थे. मगर, अब वह आतंकवाद को मजहब से जोड़कर बोल रहे हैं. यह उनकी गलती है. वह आतंकवाद को मजहब के चश्मे से न देखें, और न ही आतंकवाद को मजहब से जोड़ें.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली