।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ:मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने विधायक और कार्यकर्ताओं की मंशा के अनुसार अब सूबे की नौकरशाही सजाने में जुट गए हैं। इसके तहत मुख्यमंत्री ने 53 आईएएस अफसरों की तैनाती में मंगलवार को फेरबदल कर दिया. सूबे के 27 जिलाधिकारी और तीन मंडलायुक्त मुख्यमंत्री के इस फेरबदल से प्रभावित हुए हैं. अखिलेश सरकार के यूपी की सत्ता संभालने के बाद यह दूसरा फेरबदल है, जिसके एक साथ इतने जिलाधिकारी बदले गए हैं. विपक्ष ने सीएम के इस फेरबदल को चुनावी कदम बताया है. यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री इसी प्रकार बड़ी संख्या में आईपीएस अफसरों तबादला भी जल्दी ही करेंगे.
विपक्ष के इस आरोप में दम भी है. हाल ही में सपा नेताओं की बैठक में कई सांसद, विधायक और लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने सपा की रीति नीति के अनुसार काम ना करने वाले तमाम जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान और मंडलायुक्तों को हटाने की मांग की थी. पार्टी नेताओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने जिलों में तैनात आईएएस और आईपीएस अफसरों को पार्टी के सांसद, विधायक और नेताओं का सम्मान करने और उनके द्वारा बताए गए कामों को प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद भी जिलों में तैनात तमाम आईएएस अफसरों ने सपा नेताओं को भाव नहीं दिए.
आईएएस अफसरों के इस रूख से खफा होकर सपा नेताओं ने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताया कि किन-किन जिलों के जिलाधिकारी और मंडलायुक्त सपा नेताओं की अनदेखी कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार पार्टी नेताओं से मिले आईएएस अफसरों के ब्यौरे को आधार बनाकर फिरोजाबाद, संतकबीरनगर, कानपुर नगर, बागपत़ बिजनौर, बांदा, महराजगंज, अलीगढ़, मऊ, बुलंदशहर, मेरठ, भदोही, देवरियाँ कौशांबी, हाथरस, सहारनपुर, बलरामपुर, अंबेडकरनगर, महोबा, बहराइच, आगरा, सीतापुर, प्रतापगढ़, कुशीनगर, चित्रकूट और गोण्डा के जिलाधिकारी तथा मिर्जापुर, बस्ती और फैजाबाद के मंडलायुक्तों को हटा दिया. हटाए गए जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की जगह सपा नेताओं की मनपसंद अफसरों की तैनाती की गई है। अब इसी प्रकार से सपा नेताओं की अनदेखी करने वाले आईपीएस अफसरों को हटाया जाएगा और उनके स्थान पर सपा नेताओं की पसंद वाले आईपीएस अधिकारी तैनात किए जाएंगे.