बदायूं : उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर मुजफ्फरनगर में दंगे कराने के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल बहुत मासूम हैं और उन्हें जो भी लिखकर दे दिया जाता है, वह उसी को मंच पर पढ़ देते हैं.
खां ने कल रात यहां संवाददाताओं से बातचीत में राहुल द्वारा सरकार पर दंगे कराने का आरोप लगाये जाने के बारे में कहा, देश में दंगों की नींव कांग्रेस ने रखी है. आजादी के बाद से अब तक देश में आधी सदी से ज्यादा वक्त तक राज करने वाली कांग्रेस ने इस दौरान अनगिनत दंगे कराये हैं. उन्होंने कहा, राहुल गांधी बहुत भोले और मासूम बच्चे हैं. वह इतने मासूम हैं कि उनको जो भी लिखकर दे दिया जाता है, उसी को मंच पर पढ़ देते हैं. राहुल ने तो रामपुर में आरा मशीन को प्लाईवुड फैक्टरी बता डाला था. ज्ञातव्य है कि राहुल ने गत नौ अक्तूबर को रामपुर और अलीगढ़ में अपनी रैलियों में सपा सरकार पर मुजफ्फरनगर में दंगे कराने का आरोप लगाया था.
नगर विकास मंत्री ने एक सवाल पर कहा, फिलहाल मैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काम से पूरी तरह संतुष्ट हूं, जिस दिन मुझे लगेगा कि अखिलेश वैसे मुख्यमंत्री साबित नहीं हो रहे हैं, जैसा कि हमने सोचा था, हम पहले शख्स होंगे जो खुद ही उनकी सरकार से अलग हो जायेंगे. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से बार-बार रुठने और फिर मान जाने के सवाल पर खां ने मजाकिया अंदाज में कहा, हमारा और मुलायम सिंह का तो रिश्ता ही ऐसा है. आप लोगों को क्यों जलन हो रही है. प्रतापगढ़ के कुंडा में पुलिस उपाधीक्षक जिया-उल-हक हत्याकांड में आरोप लगने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले रघुराज प्रताप सिंह से हाल में मुलाकात की वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं इंसानी रिश्तों की बहुत इज्जत करता हूं.
यही वजह थी कि राजा भैया से मिलने चला गया. मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है, और फिर यह मुलाकात तो उनके लिए शुभ साबित हुई, क्योंकि अगले ही दिन उनको मंत्री पद वापस मिल गया.राजा भैया के मंत्री बनने पर जिया-उल-हक की पत्नी परवीन द्वारा आपत्ति जताये जाने संबंधी सवाल पर खां ने कहा, उनकी आपत्ति सिर आंखों पर है. जिया-उल-हक की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने 21 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा था और हमने उनकी सभी मांगें मान ली थीं. उन्हीं की मांग पर मामले की सीबीआई जांच करायी गयी और सीबीआई के ही क्लीन चिट देने के बाद राजा भैया को मंत्रिमंडल में दोबारा शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि राजा भैया को दोबारा मंत्री बनाने का फैसला मुख्यमंत्री का है. यह किसी को खुश या नाराज करने के लिए नहीं किया गया है.