राजेन्द्र कुमार
लखनऊः अखिलेश सरकार को कदम कदम पर संकट में डालने तथा मुख्यमंत्री को भी नीचा दिखाने का कोई मौका ना चूकने वाले कैबिनेट मंत्री आजम खां को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरूवार को विपक्ष के हमलों से बचा लिया. विपक्षी नेता मुजफ्फरनगर के दंगे को लेकर आजम खां का इस्तीफा मांग रहे थे. एक न्यूज चैनल द्वारा दिखाए गए स्टिंग आपरेशन को लेकर विपक्षी नेताओं की इस मांग पर आजम खां को कोई जवाब नहीं सूझ रहा था. ऐसे में मुख्यमंत्री अपने कैनिनेट मंत्री आजम खां का कवच बन गए और उन्होंने मुजफ्फरनगर के दंगे को लेकर आजम खां का बचाव किया. कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगे में आजम खां की कोई
भूमिका नहीं है. भाजपा के नेताओं ने इस दंगे को भड़काया है.मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था अरूण कुमार के छुट्टी पर जाने को भी गलत बताया. मुख्यमंत्री के मुताबिक एडीजी कानून व्यवस्था रुटीन छुट्टी पर गए हैं. मुख्यमंत्री के इस कथन के बाद गुरूवार को विपक्षी नेताओं ने सदन की कार्यवाही में कोई बाधा नहीं उत्पन्न की. बाद में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगे से आजम खां का कोई वास्ता नहीं है और न ही इसमें उनकी कोई भूमिका है. उन्होंने किसी भी पुलिस अधिकारी को नहीं बुलाया और न ही पुलिस अफसरों से दंगाईयों के मामले में धीमा रुख बरतने की बात की. फिर आजम का नाम पुलिस अधिकारी ने क्यों लिया? पत्रकारों के इस सवाल का मुख्यमंत्री ने जवाब नहीं दिया. परन्तु उन्होंने यह स्वीकार किया कि दंगे पर अंकुश लगाने में सरकार की ओर से कुछ विफलता जरूर रही.
मुख्यमंत्री ने यह भी माना कि मुजफ्फरनगर की महापंचायत में आए लोगों का आकलन करने में हमसे चूक हुई. आखिर मुजफ्फरनगर के दंगे का दोषी कौन है? ये पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने भाजपा को दंगा भड़काने के लिए जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने कहा कि मुजफ्फनगर दंगों को भाजपा ने हवा दी. यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि दंगा भड़काने के दोषी भाजपा नेताओं को छोड़ा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने बुधवार को सदन में पहुंचे दंगा भड़काने के आरोपी भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी ना करने को लेकर भी कोई जवाब नहीं दिया. सिर्फ यही कहा कि इंतजार करे. कोई दोषी छूटेगा नहीं.