।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित चौरासी कोसी परिक्रमा के समापन का कार्यक्रम भी फ्लॉप हो गया. पुलिस के कड़े सुरक्षा प्रबंधों के चलते विहिप के प्रमुख नेता ही नहीं, अयोध्या के बड़े साधू महंत भी बस्ती के मकोड़ा धाम पर चौरासी कोसी परिक्रमा का समापन करने नहीं पहुंचे. अयोध्या और उसके आसपाल के जिलों के श्रद्धालूओं ने भी विहिप के इस कार्यक्रम में रुचि नहीं दिखायी, मात्र 70 लोगों ने मकौड़ा पहुंचने प्रयास किया.
इनमें से 52 लोगों का गिरफ्तार कुछ देर बाद छोड़ दिया गया. हालांकि विहिप के नेताओं का दावा था कि बड़ी संख्या में श्रद्धालू तथा साधू महंत इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. फैजाबाद के मंडलायुक्त संजय प्रसाद को आशंका थी कि विहिप के कुछ प्रमुख लोग चोरी छिपे मकोड़ा घाट तक पहुंचने का प्रयास करेंगे, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. बीते पच्चीस वर्षो में यह यह पहला मौका रहा जब अयोध्या में विहिप का कोई कार्यक्रम इतनी बुरी तरह से फ्लाप हुआ है. फैजाबाद और अयोध्या के लोगों का कहना है कि विहिप की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा एक राजनीतिक कार्यक्रम था, इसलिए ही अयोध्या के साधू महंतों के साथ यहां की जनता ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बना ली.
परिणाम स्वरूप गत 25अगस्त को यहां से शुरू होने वाली विहिप की चौरासी कोसी परिक्रमा में अयोध्या के लोगों ने उत्साह नहीं दिखायी. हालांकि विहिप के क्रांतिकारी नेता प्रवीन तोगडिया पुलिस के सुरक्षा प्रबंधों में सेंध लगाकर अयोध्या पहुंच गए थे, लेकिन वह चौरासी कोसी परिक्रमा कार्यक्रम को शुरू करने के लिए सरयू तट पर पूजा करते इसके पूर्व ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसी दिन विहिप प्रमुख अशोक सिंघल भी लखनऊ में गिरफ्तार कर लिए गए थे. वह दिल्ली से अयोध्या आने के लिए लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचे थे.
पुलिस प्रशासन ने विहिप नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई प्रदेश सरकार द्वारा विहिप की परिक्रमा यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने के चलते की थी. सरकार के इस निर्णय की अनदेखी कर जब विहिप प्रमुख ने चौरासी कोसी परिक्रमा निकालने की जिद की तो सरकार ने अयोध्या और फैजाबाद को पुलिस छावनी में तब्दील करते हुए 25 अगस्त को यहां अघोषित कर्फ्यू लगा कर अयोध्या से चौरासी कोसी परिक्रमा शुरू नहीं होने थी. इसी तरह शुक्रवार को भी सरकार ने अयोध्या में तकड़े सुरक्षा प्रबंध करके परिक्रमा यात्रा का समापन कार्यक्रम भी नहीं होने दिया. इसके तहत गुरूवार को प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और डीजीपी देवराज नागर ने जिले के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर उन्हें निर्देश दिया था कि अगर कोई परिक्रमा के लिए निकले तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए. इस मामले में शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी.
सरकार के इस स्पष्ट निर्देश के बाद गुरूवार को अयोध्या आने का प्रयास करने वाले पूर्व सांसद व राम मंदिर न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती को पुलिस ने बस्ती जिले के मखौड़ा के निकट करनपुर गांव से गिरफ्तार कर लिया है. जबकि अयोध्या में भाजपा नेता व सांसद विनय कटियार, प्रदेश के पूर्व मंत्री लल्लू सिंह, मणिराम दास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महंत मनमोहन दास, जिला मंत्री अभिषेक मिश्र समेत तीन दर्जनभर लोगों को उनके आश्रमों-घरों में नजरबंद कर दिया गया है. पुलिस की ऐसी कार्रवाई की विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने आलोचना की है.
उनका दावा है कि उत्तराखंड आए विहिप केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य रामेश्वर दास के नेतृत्व में करीब 70 लोगों ने मकोड़ा पहुंचने का प्रयास किया. इनमें से 52 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इनके अलावा शुक्रवार को यहां के किसी साधू महंत ने चौरासी कोसी परिक्रमा के समापन कार्यक्रम में जाने की हिम्मत नहीं की और विहिप का कार्यक्रम ध्वस्त हो गया.