मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह करीब चार साल बाद एक मंच पर देखा गया. कुछ लोग उन्हें भरत मिलाप कह रहे हैं तो कुछ इसे अमर सिंह की सपा में वापसी के रुप में देख रहे हैं. किन्तु आज अमर सिंह ने सपा सांसद जया बच्चन के खिलाफ जो अपशब्द कहे उसको लेकर फिर राजनीति गरम हो गयी है कि आखिर अमर-मुलायम के मिलाप के क्या वजह हो सकते हैं. तो क्या अमर-मुलायम की मुलाकात में सिर्फ दो हाथ मिले या दिल भी. इस पर प्रकाश डालता यह आलेख-
कहां हुई मुलाकात
2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासन के बाद मंगलवार को जनेश्वर मिश्र की जयंती के अवसर पर मुलायम और अमर सिंह दोनों एक मंच पर साथ दिखे.
फोन करके मुलायम ने बुलाया था
मुलायम सिंह ने अमर को फोन करके जयंती में शामिल होने के लिए बुलाया था. अब चाहे उनको निमंत्रण देने का चाहे जो भी कारण रहा हो लेकर राजनीति हलचलों में अमर के फिर से पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगायी जा रही है. लेकिन हो सकता है कि अमर सिंह उनका मान रखने के लिए जयंती में शामिल हुए हो.
मुलायम-अमर के बीच क्यों हुआ था विवाद
सपा प्रमुख मुलायम सिंह और अमर सिंह के बीच विवाद जयाप्रदा को लेकर हुआ था. मुलायम सिंह ने जयाप्रदा के लुक पर टिप्पणी कर दी थी. जयाप्रदा अमर सिंह की काफी करीबी मानी जाती हैं. जयाप्रदा पर मुलायम की टिप्पणी से अमर सिंह भड़क गये थे और उन्होंने मुलायम के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी थी.
आखिर मुलायम ही क्यों पडे नरम
जानकारों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में सपा की उत्तरप्रदेश में करारी हार के बाद शायद मुलायम ने एक रणनीति के तहत अमर सिंह से मिलने का मन बनाया होगा. उनकी सोच होगी कि अमर सिंह के पार्टी में वापसी के बाद संभवत: उत्तरप्रदेश की राजनीति में सपा की ढीली होती पकड़ कुछ मजबूत हो जाये. अमर सिंह राजपूत परिवार से हैं और उनकी घर वापसी से कुछ प्रतिशत का फायदा सपा को हो सकता है. जब अमर सिंह सपा से अलग हुए थे उस वक्त वे पार्टी के प्रवक्ता भी थे.
दोनों में राजनीतिक दोस्ती-दुश्मनी का दौर चलता रहा है
एक वह दौर था जब अमर सिंह और मुलायम सिंह के बीच गहरी दोस्ती थी. ऐसा समय भी आया था जब अमर सिंह ने कहा कि राजनीति में मुलायम का मरना जरूरी है. पार्टी से निष्कासन के बाद भी अमर सिंह ने मुलायम के खिलाफ काफी बयानबाजी की थी.
आजम खान रहें हैं अमर सिंह के विरोधी
गौरतलब है कि जयाप्रदा को लेकर बढे विवाद के बाद आजम खान और रामगोपाल यादव ने कहा था कि अमर सिंह के कारण पार्टी की समाजवादी छवि कलंकित हुई है. अमर सिंह और अखिलेश सरकार में अहम भूमिका रखने वाले मंत्री आजम खान एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं. जब आजम खान ने पार्टी छोड़ी थी, तब उन्होंने दोबारा आने के लिए अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से निकालने की शर्त रखी थी. अमर सिंह को पार्टी से बाहर होना पड़ा था, तभी आजम खानी की वापसी हुई थी. इधर जब दोनों की जब मंगलवार को मुलाकात हुई थी तो आजम खान ने इसपर आपत्ति जतायी थी.
जया बच्चन को लेकर आज का बयान
समाजवादी पार्टी में वापसी की चर्चाओं के बीच अमर सिंह ने अभिनेत्री और सपा से राज्य सभा सांसद जया बच्चन पर बड़ा हमला बोला है. अमर सिंह ने कहा कि वह राज्य सभा सांसद बनने के लिए जया बच्चन की तरह ओछा काम नहीं करेंगे. अमर सिंह ने कहा कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव से दोस्ती का हाथ इसलिए नहीं बढ़ाया है, क्योंकि उनकी राज्य सभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा, अमर सिंह जया बच्चन की तरह ओछी और टुच्ची राजनीति नहीं करने वाले इंसान नहीं है.
अब इस बयान के बाद यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि उन दोनों की मुलाकात के क्या मायने हैं. इधर अभी भी आजम खान उसी तेवर में हैं जिस तरह 2010 में थे. ऐसे में यह देखने की बात है कि इस तथाकथिक भरत मिलाप में केवल मुलायम-अमर के हाथ मिले हैं या दिल भी.