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एक जुलाई से बंद हो जायेगी नीलांचल कंपनी

गम्हरिया : मोमेंटम झारखंड के शोर के बीच स्थानीय प्रशासन व ग्रामीणों के असहयोगात्मक रवैये का हवाला देते हुए कांड्रा के रघुनाथपुर में स्थित नीलांचल आयरन एंड पावर लिमिटेड प्रबंधन ने कंपनी को बंद करने की घोषणा कर दी है. प्रबंधन की ओर से कंपनी क्लोजर का नोटिस गेट पर भी चिपका दिया गया है. […]

गम्हरिया : मोमेंटम झारखंड के शोर के बीच स्थानीय प्रशासन व ग्रामीणों के असहयोगात्मक रवैये का हवाला देते हुए कांड्रा के रघुनाथपुर में स्थित नीलांचल आयरन एंड पावर लिमिटेड प्रबंधन ने कंपनी को बंद करने की घोषणा कर दी है. प्रबंधन की ओर से कंपनी क्लोजर का नोटिस गेट पर भी चिपका दिया गया है.

इसमें कहा गया है कि कंपनी का संचालन 30 जून तक ही किया जायेगा, एक जुलाई से कंपनी को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जायेगा. कंपनी के बंद होने से कंपनी में कार्यरत लगभग पांच सौ स्थायी, अस्थायी कामगार समेत अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जायेंगे.

कंपनी प्रबंधन इस संबंध में सोमवार को जिला प्रशासन को सूचित करेगी.
एक वर्ष भी नहीं चली कंपनी
लगभग चार वर्ष के बाद खुली उक्त कंपनी एक वर्ष भी नहीं चल पायी. कंपनी के जीएम गंगाधर बाजपेयी ने बताया कि कंपनी की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी. इसके बाद 2011 से 2016 तक कंपनी बंद रही. मार्च 2015 में कंपनी पुन: चालू हुई, लेकिन उत्पादन अगस्त से शुरू किया गया था. इसके अंतराल में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा कंपनी प्रबंधन पर कई प्रकार का दबाव बनाया गया. इससे आहत होकर कंपनी प्रबंधन ने कंपनी बंद करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया एक वर्ष में कंपनी में घटने वाली हर छोटी घटनाओं पर भी कंपनी गेट जाम कर दिया जाता है. इससे कंपनी को घाटे का सामना करना पड़ रहा है.
घाटे में रहकर भी प्रबंधन चला रही है कंपनी
कंपनी प्रबंधन ने बताया कि कंपनी एक वर्ष में करोड़ों रुपये के घाटे में चल रही है. कंपनी के अधिकांश कामगार जमीनदाता व विस्थापित प्रभावित होने के कारण मजदूरहित को देखते हुए कंपनी को चलाने का प्रयास करते आ रही है. घाटे के बावजूद कामगारों को हर माह समय पर वेतन भुगतान कर दिया जाता है. इसके बावजूद ग्रामीणों से सहयोग नहीं मिलने की वजह से कंपनी को उक्त निर्णय लेने को विवश होना पड़ा.
प्रबंधन को समझाने का प्रयास करेगा यूनियन
कंपनी यूनियन के महासचिव सुमित मंडल ने बताया कि प्रबंधन द्वारा लिये गये निर्णय से क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. इसको देखते हुए यूनियन के प्रतिनिधि द्वारा कंपनी प्रबंधन से बात कर निर्णय पर पुन: फैलसा करने का आग्रह किया जायेगा. उन्होंने बताया कि कंपनी की वजह से सैकड़ों परिवारों का भरण-पोषण हो रहा है. लगभग पांच वर्ष बाद पुन: जमीनदाताओं को रोजगार मिला है. कंपनी बंद होने से यहां के लोग बेरोजगार हो जायेंगे.
क्या लिखा है क्लोजर नोटिस में
कंपनी प्रबंधन द्वारा जारी क्लोजर नोटिस में कहा गया है कि विपरीत स्थिति, नहीं टाले जाने वाली समस्याओं, असहयोगात्मक रवैये तथा उचित वातावरण नहीं मिलने के कारण एक जुलाई से कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया गया है.
वहीं सभी कामगारों का बकाया वेतन का भुगतान 16 अगस्त तक कर देने की बात कही गयी है. प्रबंधन ने बताया कि जब तक सभी कामगारों का वेतन भुगतान नहीं होता है, तब तक कंपनी के प्रतिनिधि कंपनी में ही मौजूद रहेंगे.

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