केयू. पीजी भवन के केंद्रीय पुस्तकालय में अनियमितता
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पुस्तकालय में मिलीं कम पुस्तकें, ऑडिट टीम ने बतायी विवि प्रशासन की लापरवाही
केयू. पीजी भवन के केंद्रीय पुस्तकालय में अनियमितता चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर (पीजी) विभाग स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में ऑडिट टीम ने अनियमितता पायी है. लगातार विवि में जांच कर रही ऑडिट टीम ने पुस्तकालय की जांच के बाद गड़बड़ी बतायी. टीम ने इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट […]
चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर (पीजी) विभाग स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में ऑडिट टीम ने अनियमितता पायी है. लगातार विवि में जांच कर रही ऑडिट टीम ने पुस्तकालय की जांच के बाद गड़बड़ी बतायी. टीम ने इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय पुस्तकालय अंतर्गत पुस्तक पंजी एवं अन्य सहायक दस्तावेजों के नमूना जांच की गयी.
नमूना जांच में पाया गया कि जुलाई 2016 तक उक्त पुस्तकालय में पुस्तकों की कुल संख्या मात्र 1573 थी. एक ऐसा विश्वविद्यालय जिसे वर्ष 2016 में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा प्रत्यायन (ग्रेड) प्रदान करते हुए इसे सी श्रेणी में रखा गया है. सीजीपीए के अंतर्गत कुल 4 अंकों में से इसे कुल 1.60 अंक दिया गया है. पुस्तकालय में पुस्तकों की इतनी कम संख्या कहीं न कहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही को इंगित करती है.
रिपोर्ट के अनुसार सभी दस्तावेजों की जांच में पाया गया है कि पुस्तकालय की समृद्धि के लिए विश्वविद्यालय कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है.विद्यार्थी व शिक्षकों की पंजी नहीं: ऑडिट टीम ने कहा कि केंद्रीय पुस्तकालय के अंकेक्षण के दौरान पुस्तकालय में विद्यार्थियों को दी जाने वाले पुस्तक पंजी एवं प्रत्येक दिन पुस्तकालय आनेवाले विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से संबंधित पंजी नहीं पायी गयी. ऑडिट टीम ने उसे पूर्ण दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. टीम में मधुसूदन प्रसाद यादव, चंदन कुमार समेत अन्य सदस्य शामिल हैं.
टीम ने गिनायी कमियां
पुस्तकालय के दस्तावेजों की जांच में पाया कि 27 सितंबर 2013 को विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को 153 पुस्तकें सेमिनार पुस्तकालय के लिए प्रदान की गयी थी. जिनका मूल्य 65,785 रुपये है. करीब तीन वर्ष बीतने के बाद अभी तक ये सारी पुस्तकें केंद्रीय पुस्तकालय को वापस नहीं की गयी हैं. ऑडिट टीम ने पुस्तकें जल्द वापस करने की प्रक्रिया आरंभ करने की बात कही है.
8 फरवरी 2012 को ममता डे द्वारा वनस्पति विभाग के लिए 67 पुस्तकें प्राप्त की गयी. जिनका मूल्य पंजी में अंकित नहीं है. इन सारी पुस्तकों को वापस केंद्रीय पुस्तकालय में समाहित करने तथा इन पुस्तकों के कुल मूल्य की जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा गया है
5 सिंतबर 2012 को स्टूडेंट बुक्स रांची से कुल 137 पुस्तकें केंद्रीय पुस्तकालय के लिए खरीदी गयी और उसे उक्त तिथि को ही गणित विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया. जुलाई 2016 तक ये पुस्तकें पुन: केंद्रीय पुस्तकालय को स्थानांतरित नहीं की गयी.
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