चक्रधरपुर : गुरूवार को स्थानीय गुरूद्वारा बिल्डिंग के सभागार में मुंडा-मानकी संघ के बैनर तले चैनपुर मानकी कृष्ण सामद की अध्यक्षता में एक सभा का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्रनाथ चांपिया व विशिष्ट अतिथि खरसावां के विधायक दशरथ गागराई उपस्थित थे.
बैठक में पांचवी अनुसूची एवं परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए श्री चांपिया ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी टीएसी का सदस्य नहीं हो सकता है. लेकिन रघुवर सरकार खुद को टीएसी पदेन अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है. जो कि अवैध है. उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं भी नहीं लिखा गया है कि मुख्यमंत्री ही टीएसी का अध्यक्ष हो सकता है. इसका फैसला केवल राज्यपाल द्वारा ही किया जा सकता है.
श्री चांपिया ने कहा कि रघुवर सरकार द्वारा गर्वनर को रबर स्टाम्प की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. बैठक में गैर आदिवासी का टीएसी का अध्यक्ष होने का मुंडा-मानकी संघ इसका निंदा करती है. एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपने का निर्णय लिया. संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए तत्काल रघुवर सरकार को टीएसी का अध्यक्ष पद से हटाये एवं संविधान की रक्षा कर यह मुंडा-मानकी संघ के प्रस्ताव में पारित कर दिया जाये. साथ ही मुंडा-मानकी संघ द्वारा पांचवीं अनुसूची संघर्ष समिति बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया. मौके पर सुरेश सोय, महेंद्र दोराईबुरू,
कृष्ण बोदरा, केसी हेंब्रम, सुभाष बारी, देवेंद्र बारी, नसीम चांपिया. नियरन हेंब्रम, जोन भुंईयां, लक्ष्मण चांपिया, प्रेम मुंडा, मोहनीश चाकी, रामेश्वर बोदरा, सिद्धेश्वर सामद, विजय सिनं सामाड, सतीश बुढ़ीउली, भुवनश्वर महतो, बागुन सोय आदि उपस्थित थे.