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फोन से होती है मध्याह्न् भोजन की मॉनिटरिंग

दुर्घटनाओं से सबक नहीं लेता प्रशासन चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में मिड–डे मील बनाने से लेकर परोसने तक में कई तरह की लापरवाही का मामला सामने आता रहा है. जिले में राशि का आवंटन होने हुए भी एक साल में किचेन शेड का निर्माण नहीं कराया जा सका है. मध्याह्न् भोजन की मॉनीटरिंग भी […]

दुर्घटनाओं से सबक नहीं लेता प्रशासन

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में मिडडे मील बनाने से लेकर परोसने तक में कई तरह की लापरवाही का मामला सामने आता रहा है. जिले में राशि का आवंटन होने हुए भी एक साल में किचेन शेड का निर्माण नहीं कराया जा सका है. मध्याह्न् भोजन की मॉनीटरिंग भी सीआरपी और बीइओ के जिम्मे है.

जिला स्तर पर मध्याह्न् भोजन की तो मॉनीटरिंग होती है ही ऐसा कोई सिस्टम ही है. कभीकभी तो भोजन बना की नहीं इसकी रस्म अदायगी फोन पर ही कर ली जाती है. विभाग के अनुसार 2258 लक्ष्य के विरुद्ध 111 किचेन शेड के लिए पैसा नहीं आया है. 841 स्कूलों में किचेन शेड निर्माणाधीन है.

जहां किचेन शेड नहीं हैं वहां स्कूल के बरामदे अथवा शेड में ही मध्याह्न् भोजन बनाने की बात विभाग द्वारा कही जा रही है. हालांकि बिहार की घटना के बाद विभाग हरकत में गया है. मिडडेमील की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिये गये है.

डीएसइ ने नहीं किया निरीक्षण

जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा चाईबासा शहर में अपने कार्यकाल के दौरान कभी भी निरीक्षण नहीं किया गया है. डीएसइ ने अंतिम बार 6 फरवरी को बड़ी बाजार विद्यालय और श्रद्धानंद बालिका मध्य विद्यालय का निरीक्षण किया था. उन्होंने एक जुलाई को सारंडा क्षेत्र का दौरा किया था, उस समय मध्याह्न् भोजन कर बच्चे निकल गये थे.

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