जैंतगढ़ : रमजान इबादत का खास महीना है. जो अल्लाह की ओर कदम बढ़ाता है अल्लाह उसकी मदद करते हैं. जैंतगढ़ निवासी मो. महमूद आलम का तीसरा पुत्र अशहर महमूद मात्र आठ वर्ष का है.
मदरसा अल इसलाह में वर्ग तीन में पढ़ रहा है. अशहर उर्फ मुस्कान अब तक इस वर्ष के सभी छह रोजे रख चुका है. उसका दृढ़ संकल्प लाजवाब है. वह पूरे रोजे रखने की बात कहता है.
इस इमानी जज्बा से जैंतगढ़ के दूसरे बच्चे भी प्रभावित होकर रोजह रखने लगे हैं. अशहर रोजह रखने के साथ पाबंदी के साथ नमाज अदा कर रहा है. कुरआन पारे आम के साथ अब तक सात पारा की तिलावत कर चुका है.