जमशेदपुर : झारखंड के प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए बुरी खबर है. राज्य के राजकीयकृत प्रारम्भिक विद्यालयों के शिक्षकों को ग्रेड 4 अौर ग्रेड 7 में भले ही पदोन्नति दे दी गयी हो, लेकिन इसके बावजूद उनके वेतन निर्धारण में कोई बढ़ोतरी नहीं की जायेगी. राज्य सरकार के सचिव (व्यय) सतेंद्र सिंह ने प्रोन्नति के फलस्वरूप निर्धारित नियमावली पर आपत्ति जताते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा.
जिसके बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बीते 14 अप्रैल को आदेश जारी कर प्रोन्नत शिक्षकों का वेतन निर्धारण एफआर-22 (i) ए (1) की जगह एफआर-22 (i) ए (2) की नियमावली के तहत करने को कहा है. इसके तहत जहां पूर्व में प्रोन्नति के साथ एक वेतन वृद्धि का लाभी भी शिक्षकों को दिया गया था, वहीं अब आपत्ति आने के बाद नये नियमावली के तहत प्रोन्नति के बाद वेतन निर्धारण में कोई वेतन वृद्धि नहीं करने का आदेश जारी किया गया है.
जिस जिले में दे दिया गया है बढ़ा वेतन वहां होगी रिकवरी. सोमवार को जारी किये गये आदेश के बाद राज्य के कुछ जिले के जिला शिक्षा अधीक्षकों की परेशानी भी बढ़ने वाली है. कारण है कि कई जिले में जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रोमोशन देने के साथ ही शिक्षकों के वेतन निर्धारण कर उनकी बढ़े हुए वेतनमान के आधार पर वेतन जारी भी कर दिया. लेकिन नियम बदलने के बाद जिन शिक्षकों को ज्यादा वेतन मिल गया है, उसकी रिकवरी करवायी जायेगी. साथ ही कई जिले में शिक्षकों को ग्रेड 3 के तहत भी प्रोमोशन दे दिया गया था. इस श्रेणी के शिक्षकों से भी रिकवरी होगी.
पूर्वी सिंहभूम जिले से ट्रेजरी को लिखा पत्र. पूर्वी सिंहभूम जिले के डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने सोमवार को ट्रेजरी को एक पत्र लिखा है.
क्या है वित्त विभाग की आपत्ति
बीते 27 मार्च को योजना सह वित्त विभाग ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेजे अपने पत्र में कहा था कि कुछ जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा राजकीयकृत विद्यालय के शिक्षकों की प्रोन्नति के फलस्वरूप वेतन का निर्धारण मौलिक नियमावली 22 (i) ए (2) के तहत नहीं करके 22 (i) ए (1) तहत किया जा रहा है. बिहार सरकार के पत्रांक 7946 दिनांक 16 नवंबर 2000 जिसे झारखंड सरकार ने अंगीकृत किया है. इसके तहत ही वेतन निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की जानी है. इसलिए सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को नियमावली का पालन करने के लिए निर्देशित करें.