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घूस लेकर भी दौड़ाते रहे, तंग आकर की एसीबी से शिकायत

चाईबासा : एक हजार रुपये घूस लेते हुए एसीबी के हत्थे चढ़ा जिला अवर निबंधन कार्यालय का प्रधान लिपिक नागेश्वर बिरुवा पूर्व में ही मनीष चौबे से 1700 रुपये वसूल चुका था. फिर भी उसने खतियान की सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध नहीं करायी तो तंग आकर श्री चौबे एसीबी की शरण में पहुंचे. शिकायतकर्ता श्री चौबे […]

चाईबासा : एक हजार रुपये घूस लेते हुए एसीबी के हत्थे चढ़ा जिला अवर निबंधन कार्यालय का प्रधान लिपिक नागेश्वर बिरुवा पूर्व में ही मनीष चौबे से 1700 रुपये वसूल चुका था. फिर भी उसने खतियान की सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध नहीं करायी तो तंग आकर श्री चौबे एसीबी की शरण में पहुंचे.

शिकायतकर्ता श्री चौबे ने बताया कि वह अपने घर के पुराना खतियान की सार्टिफाइड कॉपी (डीडी) निकालने के लिए पंद्रह दिन पहले अवर निबंधन कार्यालय गया था. कार्यालय के प्रधान लिपिक व उसके दलाल द्वारा उसे कॉपी निकालने के एवज में 1700 रुपये रिश्वत मांग रहे थे. दलाल ने एक हजार रुपये प्रधान लिपिक को देने और 700 रुपये खुद रखने की बात कही थी. श्री चौबे ने दलाल को 1700 रुपये दे दिये. इसके बाद भी उन्हें सार्टिसफाइड कॉपी निकाल कर नहीं दी गयी.
श्री चौबे 10 दिनों तक लगातार सार्टिसाइट कॉपी के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते रहे लेकिन काम नहीं हुआ. इसके बाद पुन: दलाल के माध्यम से प्रधान लिपिक ने श्री चौबे से एक हजार रुपये रिश्वत की मांग की. इससे तंग आकर श्री चौबे ने एसीबी से शिकायत की.
एसीबी की टीम शिकायतकर्ता के स्टाफ सावन कुमार को लेकर सत्यापन करने के लिए बुधवार को अवर निबंधन कार्यालय चाईबासा पहुंची. टीम के समक्ष ही सावन कुमार से एक हजार रुपये रिश्वत देने की बात कही गयी. इसके बाद टीम ने एक हजार रुपये गुरुवार को कार्यालय में पहुंचा देने की बात कही. गुरुवार को सुबह ही टीम जमशेदपुर से चाईबासा पहुंच गयी थी. टीम में एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी एलडा के अलावा इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार, नागेंद्र व किशोर तामसोय के अलावा पुलिस बल जवान थे.
दंडाधिकारी की मौजूदगी में हुई कार्रवाई
पूर्वी सिंहभूम कार्यापालक दंडाधिकारी अनिता केरकेट्टा व इशिका सिंह की मौजूदगी में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने दोनों को पकड़ा.नागेश्वर बिरुवा के घर की छानबीन करने के दौरान भी दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात किया गया था.
आरटीआइ में मांगी थी बिचौलिये की जानकारी
मनीष चौबे ने बताया कि उन्होंने प्रधान लिपिक के दलाल शशिकांत राम के बारे में आरटीआइ में जिला अवर निंबधन कार्यालय के पदाधिकारी से जानकारी मांगी थी. लेकिन आरटीआइ का जवाब पदाधिकारी द्वारा नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि शशिकांत राम कार्यालय कर्मचारी है या नहीं, यह वे जानना चाहते थे. जानकारी के अनुसार शशिकांत राम चाईबासा के मोचीसाई का रहनेवाला है और कार्यालय में बिचौलियागिरी करता है.

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