अब तक जिले में 53 एड्स पीड़ितों की हो चुकी है मौत
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चंपुआ में एड्स के 31 नये मरीज मिले, हड़कंप
अब तक जिले में 53 एड्स पीड़ितों की हो चुकी है मौत जैंतगढ़ : चंपुआ में सरकारी रिपोर्ट के अनुसार एड्स के 31 नये मरीजों की पहचान की गयी है. चंपुआ के आइसीटीसी केंद्र में 10, झुम्पुरा में तीन, बड़बिल में 17 व वासुदेवपुर में एक एड्स मरीज को चिह्नित किया गया है. जिले में […]
जैंतगढ़ : चंपुआ में सरकारी रिपोर्ट के अनुसार एड्स के 31 नये मरीजों की पहचान की गयी है. चंपुआ के आइसीटीसी केंद्र में 10, झुम्पुरा में तीन, बड़बिल में 17 व वासुदेवपुर में एक एड्स मरीज को चिह्नित किया गया है.
जिले में अब तक 53 एड्स पीड़ितों की मौत हो चुकी है. जबकि 493 मरीज पीड़ित बताये जाते हैं. सबसे अधिक मरीज क्योंझर सदर में चिह्नित किये गये हैं. आइसीटीसी केंद्र एक में 290 तथा दो में 87 मरीज चिह्नित किये गये है. पिछले माह ही सदर प्रखंड में दो एड्स मरीजों की मौत हुई है.
क्या है मुख्य कारण
क्योंझर जिला में एड्स के प्रति जागरूकता का अभाव है. असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त का चढ़ाव या संक्रमित सूई का प्रयोग से फैलने वाले इस रोग के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है. क्योंझर जिला में बाहर से लोगों का आना जाना लगा रहता है.
फंड का अभाव, नहीं चला जागरूकता कार्यक्रम
क्योंझर आइसीटीसी केंद्र में कर्मचारी संगीता महंती ने बताया फंड के अभाव में कोई जागरूकता कार्यक्रम नहीं चलाया जा
सका है. सरकारी फंड उपलब्ध नहीं है. इधर, चंपुआ अनुमंडल
में एड्स फैलने के बाद
जगन्नाथपुर अनुमंडल के लोगों में हड़कंप है.
जगन्नाथपुर अनुमंडल चंपुआ अनुमंडल का पड़ोसी है. जगन्नाथपुर अनुमंडल भी खदान क्षेत्र है. किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, जामदा, गुवा, नोवामुंडी आदि खदान क्षेत्र में हजारों की संख्या में बाहर से लोग आते-जाते हैं. सैकड़ों लोग लंबे समय तक रहकर करोबार करते है. गैर खदान क्षेत्र से सैंकड़ों मजदूर बाहर काम करने जाते हैं. लोगों का कहना है कि जगन्नाथपुर अनुमंडल में एड्स की न तो जांच की उत्तम व्यवस्था है न जागरूकता अभियान चलाया जाता है.
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