विक्सल कोनगाड़ी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 हमारी खेती एवं रहने की जमीन को सदियों से बचाने का काम कर रहा है. सरकार द्वारा कानून में संशोधन कर हमारे अस्तित्व को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. उक्त विधेयक कृषि प्रधान देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पेसा कानून 1996 के अनुसार ग्राम सभा को कई अधिकार दिये गये हैं, किंतु कैंपा कानून लागू कर अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है.
कैंपा कानून के तहत आदिवासियों की जीविका एवं संस्कृति से जुड़ी जमीनों को हस्तांतरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण विधेयक पारित कर हिंदू , मुसलिम, ईसाई व सरना समुदाय के बीच विवाद खड़ा करने का भी प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है. ऐसी सरकार को सबक सिखाने की जरूरत है. इस मौके पर अनूप लकड़ा, खुशी राम कुमार व प्रभु सहाय समद आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम में मुख्य रूप से समर्पण सुरीन, तेलेस्फोर टोपनो, सिप्रियन समद, जोसेफ लुगून, दानिएल कंडूलना, जुनास टोपनो, बाबूलाल टोपनो, सूरसेन गुड़िया, उदय टोपनो, गुलाब टोपनो, अंजेला लुगून, किशोरी लुगून व हीरामनी जोजो के अलावा काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.