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हैचरी की होगी स्थापना

कुचाई. जिले के मत्स्य पालन को दिया जायेगा बढ़ावा फोकस एरिया के तहत कुचाई में हैचरी पद्धति से मछली पालन का कार्य किया जायेगा शुरू कुचाई में मत्स्य बीज का भी होगा उत्पादन खरसावां : चांडिल जलाशय में केज पद्धति से मछली पालन में मिली भारी सफलता के बाद जिला प्रशासन इसे अन्य क्षेत्रों में […]

कुचाई. जिले के मत्स्य पालन को दिया जायेगा बढ़ावा

फोकस एरिया के तहत कुचाई में हैचरी पद्धति से मछली पालन का कार्य किया जायेगा शुरू
कुचाई में मत्स्य बीज का भी होगा उत्पादन
खरसावां : चांडिल जलाशय में केज पद्धति से मछली पालन में मिली भारी सफलता के बाद जिला प्रशासन इसे अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. इसके तहत पहले चरण में कुचाई के फोकस एरिया के रूप में चिह्नित पहाड़ी क्षेत्र में हैचरी पद्धति से मछली पालन का कार्य शुरू किया जायेगा. साथ ही बीज का उत्पादन भी किया जायेगा. हैचरी स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश मत्स्य विभाग द्वारा की जा रही है. इसके लिए वैसे तालाब चिह्नित किये जा रहे हैं,
जहां सालों भर पानी के साथ-साथ बिजली की उपलब्धता हो. हैचरी की स्थापना करने से मत्स्य किसानों को जहां सस्ते दर पर मत्स्य बीज प्राप्त होगा, वहीं स्थानीय स्तर पर ही मत्स्य बीज प्राप्त होने से किसानों में मत्स्य पालन के प्रति रुचि भी बढ़ेगी. फोकस एरिया में मत्स्य पालन को बढावा दे कर जिला प्रशासन गांव के लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है.
जिला में कवई व चित्तल मछली का उत्पादन शुरू :
सरायकेला खरसावां जिला के मत्स्य किसान अब कवई व चित्तल मछली का व्यवसाय भी करने लगे हैं. इन दो प्रजाति की मछलियों के पालन से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है. चांडिल डैम में पोंगस मछली का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है. मछली उत्पादन में पिछले दो साल से सरायकेला खरसावां जिला पूरे राज्य में अव्वल आ रही है. चांडिल डैम में 28 केज कल्चर बनाये गये हैं, जिसमें से 18 केज में बीज संचयन का काम पूरा हो गया है.
45 मत्स्य पालकों का बन रहा वेद व्यास आवास:
जिला में वेद व्यास आवास योजना के तहत 45 मत्स्य पालकों का आवास बन रहा है. इसमें से 20 का कार्य पूरा हो चुका है. जबकि जिले में 24 लाभुक समिति द्वारा 23 एकड़ में तालाब का निर्माण कार्य चल रहा है, जो बरसात से पहले पूरा हो जायेगा.
फोकस एरिया के मत्स्य किसानों को रोजगार से जोड़ने व स्वावलंबन बनाने के लिए हैचरी की स्थापना की जायेगी. मत्स्य किसानों को सस्ते दर पर मत्स्य बीज प्राप्त होगा. इससे मत्स्य किसानों में मत्स्य पालन के प्रति रुचि बढ़ेगी.
अरूप चौधरी, जिला मत्स्य पदाधिकारी

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