घुरती रथयात्रा. आठ दिनों के विश्राम के बाद मौसीबाड़ी से श्रीमंदिर पहुंचे प्रभु जगन्नाथ
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प्रभु का रथ खींचने को श्रद्धालुओं में लगी होड़
घुरती रथयात्रा. आठ दिनों के विश्राम के बाद मौसीबाड़ी से श्रीमंदिर पहुंचे प्रभु जगन्नाथ खरसावां /सरायकेला/चक्रधरपुर : हरिभंजा समेत क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा गुरुवार को धूमधाम से संपन्न हो गयी. पुरोहितों द्वारा चतुर्था मूर्ति प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को रथ पर आरुढ़ कराया गया. इसके पश्चात […]
खरसावां /सरायकेला/चक्रधरपुर : हरिभंजा समेत क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा गुरुवार को धूमधाम से संपन्न हो गयी. पुरोहितों द्वारा चतुर्था मूर्ति प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को रथ पर आरुढ़ कराया गया. इसके पश्चात बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष को गुंड़िचा मंदिर से खींच कर श्रीमंदिर तक पहुंचाया. मौके पर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया. हरिभंजा के गुंड़िचा मंदिर में भक्तों के लिए भंडारा का आयोजन कर प्रसाद का भी वितरण किया गया. तीनों विग्रहों को रथ से श्रीमंदिर पहुंचाया गया.
बाहुड़ा यात्रा पर प्रभु जगन्नाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया. श्रीमंदिर पहुंचने पर तीनों देवी-देवताओं की आरती उतारी गयी तथा भोग लगाया गया. भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया. हरिभंजा में रथ से भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में कटहल एवं लड्डू फेंके गये, जिसे पाने के लिए भक्त आतुर दिखे. बाहुड़ा यात्रा के साथ आस्था, मान्यता व परंपराओं का त्योहार रथयात्रा का समापन हो गया. अब श्रीमंदिर में ही अगले एक साल पर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की पूजा अर्चना नीति नियम के साथ की जायेगी.
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