सरायकेला. सरकार द्वारा निजी विद्यालयों में री एडमिशन फीस नहीं लिए जाने के फरमान के बाद विद्यालय फीस में कटौती करने लगे है, जिससे अभिभावकों में खुशी है.लेकिन सरकारी विद्यालयों में बच्चों से री एडमिशन फीस लेने की बात सुन कोई भी आश्चर्य में पड़ सकता है. कुचाई प्रखंड के सीयाडीह स्थित सरकारी उत्क्रमित उच्च विद्यालय सीयाडीह में प्रधानाध्यापिका द्वारा बच्चों से री एडमिशन फीस लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है. विद्यालय में री एडमिशन के नाम पर कक्षा नौ के छात्रों से सौ रुपये, दसवीं के छात्रों से पचास रुपये, दूसरे विद्यालयों से आने वाले पांचवीं वर्ग के छात्रों के लिए तीस रुपये,नये एडमिशन के लिए तीस रुपये व टाई बेल्ट के लिए 90 रुपये निर्धारित किया गया है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब भारत मुंडा समाज के अध्यक्ष जेवियर सोय ने समाज के अन्य लोगों के साथ विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे. श्री सोय ने बताया कि नौवीं व 10 वीं कक्षा के रजिस्टर में किसी भी छात्र का नाम दर्ज नहीं है. इसका कारण पूछने पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मरियम नाग ने बताया कि 10 वीं कक्षा के लिये री एडमिशन फीस नहीं मिलने के कारण रजिस्टर में किसी का नाम नहीं चढ़ाया गया है. विद्यालय में 203 छात्र- छात्राएं है. जिनके लिए एक सरकारी शिक्षक व दो पारा शिक्षक पदस्थापित है. भारत मुंडा समाज के सचिव,कोषाध्यक्ष समेत अन्य लोगों ने उच्च पदाधिकारियों से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.
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सरकारी विद्यालयों में ली जा रही री एडमिशन फी
सरायकेला. सरकार द्वारा निजी विद्यालयों में री एडमिशन फीस नहीं लिए जाने के फरमान के बाद विद्यालय फीस में कटौती करने लगे है, जिससे अभिभावकों में खुशी है.लेकिन सरकारी विद्यालयों में बच्चों से री एडमिशन फीस लेने की बात सुन कोई भी आश्चर्य में पड़ सकता है. कुचाई प्रखंड के सीयाडीह स्थित सरकारी उत्क्रमित उच्च […]
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