अपराध . हत्या, डकैती व अपहरण जैसे संगीन जुर्म का है आरोप, आतंक का बना चुका था पर्याय
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पंडित ने पंकज को बनाया पंकज लाला
अपराध . हत्या, डकैती व अपहरण जैसे संगीन जुर्म का है आरोप, आतंक का बना चुका था पर्याय पुलिस ने बिछाया था जाल, वरीय पदाधिकारी रख रहे थे पैनी नजर 15 दिन पहले साहिबगंज आया था पंकज लाला साहिबगंज : राजमहल थाना क्षेत्र के तीनपहाड़ बाजार में पंकज लाला बेरोजगार युवा की तरह घूमा फिरा […]
पुलिस ने बिछाया था जाल, वरीय पदाधिकारी रख रहे थे पैनी नजर
15 दिन पहले साहिबगंज आया था पंकज लाला
साहिबगंज : राजमहल थाना क्षेत्र के तीनपहाड़ बाजार में पंकज लाला बेरोजगार युवा की तरह घूमा फिरा करता था. अन्य युवाओं की तरह इनके भी कुछ सपने थे मगर आपराधिक दलदल ने इन्हें जिले का मोस्ट वांडेट बना दिया. वर्ष 2015 में पंकज की मुलाकात जयराम पंडित से हुई. उस समय पंकज बेराेजगार था और कुछ करने की चाह रखता था. मगर वह सब कुछ शॉर्ट कर्ट तरीके से हासिल करना चाहता था. यहीं वो वजह थी जिसे देख कर
जयराम पंडित ने पंकज को अपना शागिर्द बनाया और उसे आपराधिक दुनिया में उतारा. उस दौर में जयराम पंडित तीनपहाड़ क्षेत्र में छूट भैया अपराधी था. धीरे-धीरे दोनों मिल कर छोटे-छोटे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. बाजार में उनके नाम की चर्चा होने लगी. इससे उन्हें कुछ पैसे तो मिल रहे थे
मगर भूख बड़ी होने के कारण कोई बड़ी घटना को अंजाम देना चाह रहे थे. इसी दरमियान सुरेंद्र भारती नामक युवक भी इस ग्रुप का सक्रिय सदस्य बन गया. सूत्रों की माने तो भारती ने जयराम पंडित की हत्या लालमटिया थाना क्षेत्र में कर दी थी. इस हत्या ने जयराम ग्रुप को झकझोर कर रख दिया था. ग्रुप टूटने के कगार पर था. आखिरकार पंकज लाला ने इसे संभाला और पश्चिम बंगाल के कोलकाता जाकर सुरेंद्र भारती की हत्या कर दी. उसके बाद पंकज लाला ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. कोलकाता में ही पंकज का ग्रुप सक्रिय हो गया और धीरे-धीरे आतंक का पर्याय बन गया. क्रम में पंकज को पीके उर्फ प्रकाश मंडल ने उसे अपने ग्रुप में शामिल कर लिया और धीरे-धीरे वह प्रकाश मंडल का दाहिना हाथ बन गया.
बिहार व बंगाल में भी दे चुका है आपराधिक घटना को अंजाम
जिला अापराधिक सरगना कहलाने वाला मोस्ट वांटेड पंकज लाला, प्रकाश मंडल उर्फ पीके का दाहिना हाथ है. पंकज लाला के अापराधिक इतिहास पर नजर डालें तो राजमहल के मंगलहाट से शुरू होकर पड़ोसी राज्य बिहार और बंगाल में भी अापराधिक घटनाओं को वो अंजाम दे चुका है.
मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पकड़ा गया लाला
पुलिस को पंकज लाला की तलाश बहुत पहले से थी. इसके लिये कई बार जाल बिछाया गया मगर शातिर पंकज उसके हत्थे नहीं चढ़ा. आखिरकार पुलिस कप्तान पी मुरूगन ने सतर्कतापूर्वक इसे एक मिशन का रूप देकर पंकज को गिरफ्तार करने की ठोस रणनीति बनायी और सबसे पहले उसका मोबाइल नंबर हासिल किया. बिना भनक लगे ही उसके मोबाइल को सर्विलांस पर डाल दिया और उसके हर गतिविधि पर नजर रखा जाने लगा.
सदर डीएसपी वैद्यनाथ प्रसाद व राजमहल डीएसपी अनुदीप सिंह पूरे मामले के तार खंगालने में जुटे रहे और पल-पल की रिपोर्ट अपने कप्तान काे देते रहे. 15 दिन पहले ही पंकज लाला साहिबगंज आया था. तभी से पुलिस चौकन्नी थी. पुलिस की इस सफलता का सारा श्रेय एसपी व उनके टीम को जाती है.
लग सकता है सीसीए
गिरफ्तार मोस्ट वांटेड अपराधी पंकज लाला पर लगाया जा सकता है सीसीए. बताते चले कि पंकज लाला वर्ष 2007 से अापराधिक क्षेत्रों में कदम रखा है. उसके विरुद्ध पहला मामला राजमहल थाना कांड संख्या 40/07 दिनांक 5 मार्च 2007 धारा 448, 341, 342, 323, 307, 354, 379, 34 दर्ज हुआ. जो हत्या, लूटपाट, डकैती, आदि के थे.
चर्चित घटनाएं
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अब पीके ग्रुप के खास पंडित पुलिस के निशाने पर
पीके ग्रुप के तालझारी थाना क्षेत्र के एक वरीय सदस्य जयराम पंडित को पुलिस खोज रही है. पीके के नेटवर्क में पंडित जुड़ा हुआ है. जोका, सुतियारपाड़ा व मोहनपुर में पंकज लाला के गिरोह के सदस्य अभी हैं. इन लोगों को पकड़ने के लिये पुलिस जाल बिछा दी है.
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