साहिबगंज : गंगा पुल निर्माण संघर्ष समिति के केंद्रीय संयोजक अरविंद प्रसाद गुप्ता ने सांसद निशिकांत दुबे की बयान को हवा-हवाई करार दिया है. मुख्यमंत्री व सांसद को लिखे पत्र में केंद्रीय संयोजक अरविंद प्रसाद गुप्ता ने साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल के डीपीआर की स्वीकृति को भ्रामक करार देते हुए कहा कि आखिर कितनी बार साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल को स्वीकृति मिलती रहेगी. पिछली बार दो दिसंबर 12 को निशिकांत दुबे ने घोषणा किया था कि पूर्णिया से मनिहारी घाट तक का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा.
केंद्रीय संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि सन् 2001 में पहली बार बाबूलाल मरांडी सरकार ने झारखंड बजट में इस पुल को मंजूरी दी थी तथा पुल निर्माण में 450 करोड़ का प्रस्ताव रखा था. दूसरी बार झारखंड बजट में मंजूरी देते हुए सन् 2002 में 650 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बजट में पास किया गया था. सन् 2003 में 600 करोड़ तथा सन् 2004 में 650 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बजट मेंपास किया था. सन् 2006 में अजरुन मुंडा सरकार ने विधानसभा में 800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी. सन् 2007 में 850 करोड़ का प्रस्ताव बजट में पास किया गया था. इसके बाद पुन: अजरुन मुंडा ने 2011 के बजट में 1300 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित कर इसकी स्वीकृति दी थी.
केंद्रीय संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि पिछले 13 वर्षो से साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल के शिलान्यास करने की झूठी घोषणाएं राज्य एवं केंद्र स्तरीय विभिन्न मंत्रियों ने दर्जनों बार किया. लेकिन आज तक इस पुल का शिलान्यास नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षो से राज्य एवं केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रियों ने केवल झूठी घोषणाएं कर यहां की जनता को गुमराह करने का काम किया है. झूठी घोषणाओं से साहिबगंज की जनता अब ऊब गई है. उन्होंने कहा कि सरकार अविलंब पुल का शिलान्यास करे एवं झूठी घोषणाएं करना बंद करे अन्यथा जिले की जनता अब सड़क पर उतरेगी.