ईद-उल-फितर : जिले के लोगों ने एक -दूसरे को गले मिलकर दी ईद की बधाई
साहिबगंज : पवित्र रमजान के बाद मनाये जाने वाला महापर्व ईद दुनिया में अमन व भाईचारे का पैगाम देता है. यह बातें शनिवार को स्थानीय ईदगाह में सामूहिक नमाज से पूर्व जामा मसजिद के पेश इमाम मुफ्ती अंजर हुसैन कासमी ने अपनी तकरीर में कही. कहा कि इसलाम में ईद, बकरीद व जुमा कादिन खास अहमियत रखता है.
रमाजन मुबारक में इबादत करने के बाद अल्लाह अपने बंदों को तोहर्फ के तौर पर ईद अता करता है. इसलाम दुनिया में अमन , आपसी भाई-चारे सौहार्द व एकता का सबक देता है. ईद के दिन लोगों को गिले शिकवे दूर कर एक दूसरे की खुशी में शिरकत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी समुदाय में शिक्षा का सबसे अधिक महत्व है. इसलाम में भी शिक्षा को अव्वल करार दिया है. कुरआन शरीफ की शुरुआत इकरा शब्द से हुई है.
जिसका मतलब है पढ़, यानि शिक्षा ग्रहण करो. उन्होंने कहा कि सदका फितर इसलिए अदा करना चाहिए. ताकि गरीब, गुरबा भी ईद की खुशी में शरीक हो सके. इसके उपरांत 8:30 बजे ईद की नमाज हुई. नमाज के बाद लोगों ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी.
इन जगहों पर की गयी नमाज अता
इधर शहर के एलसी रोड स्थित छोटी मसजिद, कुलीपाड़ा, हबीबपुर, मजहर टोला, सकरूगढ़, अंजुमननगर, दहला, इकरा कॉलोनी, इमली टोला, कॉलेज रोड, मदनशाही ,कोदरजन्ना की मसजिदों में भी ईद की नमाज अता की गयी. मुहल्लों में लगे मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी की.
राजमहल में इन जगहों में पढ़ी गयी नमाज
राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के बेलदारचक, महाराजपुर, किशनपुर, पोखरिया, वृदांवन सहित अन्य मसजिदों में ईद की नमाज लोगों ने पढ़ी. मौलाना शमीम अहमद ने बताया कि सुबह 8 बजे नमाज पढ़ाई गयी. अकबरी मसजिद के मौलाना सुफाउद्दीन एवं कासीम बाजार जामी मसजिद के मौलाना नबी हसन ने ईद की नमाज अदा करायी.