उपवास रख कर महिलाओं ने मनाया हरितालिका पर्व
साहिबगंज : शहर सहित राजमहल, बरहरवा, मंडरो, बोरियो प्रखंड व उसके आसपास के क्षेत्रों में महिलाओं ने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रविवार को उपवास रख कर हरितालिका तीज मनाया. वहीं बोरियो प्रखंड के नमस्ते रोड, मेन रोड, बंगाली टोला, पुराना शिवालय, तेली टोला, कुम्हार टोला की महिलाओं ने सुबह उठ कर स्नान ध्यान कर मंदिरों में पूजा अर्चना की.
पुजारी सुबोध झा ने बताया कि भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप किया था. इस पर भगवान शिव को खुश कर उन्हें अपने पति के रूप में प्राप्त किया था. यह दिन तृतीया तिथि थी. इसलिए भाद्र मास के तृतीया तिथि को तीज के रूप में मनाते हैं.
बरहरवा/कोटालपोखर : प्रखंड क्षेत्र में पति की दीर्घायु की कामना को लेकर हरितालिका तीज पर्व के मौके पर रविवार को महिलाओं ने निजर्ला व्रत रखा. पंडित पारस नाथ मिश्र ने बताया कि महिलाएं यह व्रत कई युगों से करती आ रही है.
ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर को पाने के लिये निजर्ला हरितालिका तीज का व्रत किया था. जिसके बाद से यह परंपरा चलती आ रही है.पतना. प्रखंड क्षेत्र के आसपास के गांवों मे सुहागिनों ने अपने सुहाग की रक्षा व पति के दीर्घायु की कामना को लेकर तीज का व्रत रखा. सुहागिन महिलाओं ने रविवार को निजर्ला व्रत रखा. साथ ही क्षमतानुसार डलिया भर कर भगवान शिव–पार्वती की पूजा–अर्चना की.
पुरोहित दिनेश झा ने बताया कि व्रत के दौरान महिलाएं 24 घंटे का उपवास रखती है. ये महिलाएं कूल पुरोहित से कथा सुनती हैं तथा रात्रि जागरण भी करती है.
प्रखंड क्षेत्र के पतना हाट, विशनपुर, केंदुआ, प्रोफेसर कॉलोनी, कालीतल्ला, हाटपाड़ा, कुशवाहा टोला, नया बाजार, झिकटिया सहित अन्य स्थानों पर तीज पर्व मनाया गया.
बोरिया/मंडरो : बोरियो व मंडरो प्रखंड व उसके आसपास के क्षेत्रों में महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए रविवार को उपवास रहकर तीज के पर्व आस्था पूर्वक मनाया गया. वहीं बोरियो प्रखंड के नमस्ते रोड, मेन रोड, बंगाली टोला, पुराना शिवालय, तेली टोला, कुम्हार टोला, मिर्जाचौकी, भगैया, मंडरो, की महिलाओं ने सुबह उठकर स्नान ध्यान कर मंदिरों में पूजा–अर्चना किया.
साथ हीं दिन भर उपवास रहकर शाम को अपने पति के हाथों से जलग्रहण कर उपवास को तोड़ा. इस अवसर पर पुजारी सुबोध झा ने बताया कि भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को खुश कर अपने पति के रूप में प्राप्त किया था. इसलिए सभी महिलाएं भाद्र मास के तृतीया तिथि को तीज के रूप में मनाती है. वहीं महिलाओं ने उपवास रहकर शिव पार्वती की पूजा–अर्चना करती है.