अभिषेक शर्मा ने कबूला गुनाह
दो अन्य भी हत्याकांड में शामिल
मौसा द्वारा गाली-गलौज, लांछन और प्रताड़ना बताया जा रहा है हत्या का कारण
राजधनवार : 19 जून की रात +2 उवि धनवार के गेम टीचर अखिलेश सिंह की हुई निर्मम हत्या की गुत्थी धनवार पुलिस ने सुलझा ली है. थाना प्रभारी रवींद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि हत्यारा मृतक के साढ़ू का पुत्र जहानाबाद निवासी अभिषेक शर्मा तथा उसके दो सहयोगी है. अभिषेक को मंगलवार को धनवार पुलिस ने न सिर्फ नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया, बल्कि पूछताछ में गुनाह भी कबूल करवा लिया. बुधवार को ही उसे जेल भेज दिया गया. हत्या का कारण मौसा द्वारा गाली-गलौज, लांछन और प्रताड़ना बताया जा रहा है.
थाना प्रभारी ने बताया कि हत्या की रात ही पुलिस गश्ती दल ने संदिग्ध अवस्था में एक स्कॉर्पियो पर सवार तीन अनजान लोगों को पूछताछ के लिए थाना लाया था. वह सब शराब के नशे में थे. इनमें से एक की तबीयत खराब थी. उस वक्त पुलिस को घटना की जानकारी भी नहीं थी. पूछताछ के बाद तीनों का पता-ठिकाना व मोबाइल नंबर वगैरह जरूरी जानकारी ले लेने के बाद एक की खराब तबीयत देखते हुए उन्हें छोड़ दिया गया. 20 जून की सुबह 7.30 बजे जब हत्याकांड की जानकारी मिली तो लोगों का शक उस ओर भी गया. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने तीनों का मोबाइल डिटेल निकाल अनुसंधान शुरू किया तो अभिषेक मृतक का साढ़ू पुत्र निकला.
उसे मंगलवार को पूछताछ के लिए धनवार थाना बुलाया गया और जब सारे कॉल डिटेल व 18 तथा 19 जून को मोबाइल का लोकेशन बताया गया तो उसने गुनाह स्वीकार करते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक शर्मा के परिवार (मां, बहन) को उसके मौसा (मृतक अखिलेश सिंह) पसंद नहीं करते थे और तरह-तरह के लांछन लगा अभिषेक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे. अभिषेक का अखिलेश सिंह की पुत्री (मौसेरी बहन) से अच्छा संबंध था और वह अपने पिता की नफरत भरी सोच से उसे अवगत कराती थी.
इससे त्रस्त उसने अपने सहयोगी दिवाकर पांडेय (चालक) व बांका के निलेश सिंह के साथ मिल मौसा की हत्या की योजना बना 18 जून को ही धनवार पहुंच गया, लेकिन उस दिन अखिलेश सिंह धनवार में नहीं थे. ऐसे में तीनों रात में गिरिडीह चले गये. पुन: 19 जून की रात करीब 10 बजे शिक्षक के ठिकाने पर पहुंचा, तो वे बरामदे में मच्छरदानी लगे चौकी पर लेटकर मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे.
बात खत्म होते ही अभिषेक वहां पहुंचा और मौसा को प्रणाम कर चौकी पर मच्छरदानी के बाहर बैठ गया. उसने काफी शराब पी रखी थी. बातचीत के क्रम में शिक्षक उत्तेजितहो लांछन लगाने लगे, तो अभिषेक ने उनका गला पकड़ दीवार में सटाकर दबा दिया और चाकू मारकर उनकी हत्या कर दी. बताया गया कि घटना को अंजाम देने में उसके सहयोगी भी शामिल थे.