उदासीनता. विद्यालयों में आधारभूत संरचना विकसित करने का विभागीय दावा खोखला
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जिले के छह विद्यालयों में नहीं है भवन
उदासीनता. विद्यालयों में आधारभूत संरचना विकसित करने का विभागीय दावा खोखला साहिबगंज : जिले में छह स्कूल भवनहीन है. सदर प्रखंड में अपग्रेड मध्य विद्यालय, टिकलीचर, राजमहल प्रखंड में अपग्रेड मध्य विद्यालय, फुलचंद टोला, अपग्रेड प्राथमिक विद्यालय रामानांद टोला, अपग्रेड प्राइमरी स्कूल वंशीधर टोला, उधवा प्रखंड में अपग्रेड मिडिल स्कूल सुरेन मंडल टोला, बरहरवा प्रखंड […]
साहिबगंज : जिले में छह स्कूल भवनहीन है. सदर प्रखंड में अपग्रेड मध्य विद्यालय, टिकलीचर, राजमहल प्रखंड में अपग्रेड मध्य विद्यालय, फुलचंद टोला, अपग्रेड प्राथमिक विद्यालय रामानांद टोला, अपग्रेड प्राइमरी स्कूल वंशीधर टोला, उधवा प्रखंड में अपग्रेड मिडिल स्कूल सुरेन मंडल टोला, बरहरवा प्रखंड में एसएस एनपीएस जमालपुर नवघट स्कूल में भवन नहीं है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण भवन नहीं होने से बच्चों को काफी परेशानी होती है.
बरसात में अधिकतर दिन स्कूल में छुट्टी हो जाती है. जिले में 885 प्राइमरी व 490 मध्य विद्यालय समेत कुल 1375 स्कूल है. डीएसइ जयगोविंद सिंह ने बताया कि 208 स्कूलों में भवन निर्माण का काम हो रहा है. इधर स्कूलों के बच्चे को दूसरे स्कूल में पढ़ाई करायी जा रही है.
302 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं
जिले के 302 स्कूलों में अब भी बिजली की व्यवस्था नहीं हो पायी है. हालांकि राज्य के शिक्षा सचिव ने 30 नवंबर तक स्कूलों को विद्युत से रोशन करने का निर्देश दिया था. 1010 सरकारी स्कूलों में ही बिजली लगाने का काम पूरा नहीं हो सका है. जिले में 1312 स्कूलों को चयनित किया गया था. हालांकि जिले में मदरसा सहित स्कूलों की संख्या 1536 हैं. जिले के कुल 1312 स्कूलों में 6748 कक्षा व 654 हेडमास्टर कक्ष समेत कुल 7394 कमरों में पंखा, लाइट, वायरिंग करने के लिए 4,14,45,000 रुपये की आवश्यकता थी. 60 फीसदी प्राक्कलित राशि उपलब्ध करा दी गयी थी. जिन स्कूलों ने पहले चरण की राशि खर्च कर इसका उपयोगिता प्रमाण-पत्र विभाग को जमा कराया, उसे दूसरे चरण की राशि भी मुहैया करा दी गयी. जबकि मंडरो, बोरियो, बरहेट व तालझारी प्रखंड में चिह्नित स्कूलों में काम पूरा नहीं हो पाया है.
150 स्कूलों अब भी किचन शेड नहीं है. बरामदे पर ही मध्याह्न भोजन बनाया जाता है.
1436 स्कूल एनसीपीएल के स्कूलों को छोड़कर संचालित, इसमें 43 मदरसे भी शामिल हैं.
60,000 रुपये वर्ष 2007-08 से स्कूलों में किचन शेड के लिए आवंटित कराया गया
प्रावधान
बच्चों की सौ से नीचे उपस्थित वाले स्कूलों में 1.62 लाख, 100 से ऊपर बच्चे वाले स्कूलों में 2.18 लाख व 500 से ऊपर बच्चों वाले स्कूलों में 2.96 लाख की लागत से किचन शेड बनाने का प्रावधान है. काम नहीं होने के कारण खुले आसमान तले एमडीएम बनता है.
302 स्कूलों में अब भी बिजली की व्यवस्था नहीं
30 नवंबर तक स्कूलों को विद्युत से रौशन करने का दिया निर्देश
चिह्नित स्कूलों में जल्द से जल्द बिजली वायरिंग का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है. बावजूद इसके कुछ स्कूल प्रबंधन द्वारा इस मामले में सुस्ती बरती जा रही है. जल्द ही इस संबंध में समीक्षा कर संबंधित स्कूलों के सचिव पर कार्रवाई की जायेगी. किचन शेड निर्माण के प्रति भी विभाग गंभीर है.
-जयगोविंद सिंह, डीएसइ
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