बालू का खेल. अवैध बालू डंप कर बेच रहे हैं माफिया, नहीं हो पा रही कार्रवाई
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ऊंचे दाम पर बिहार व बंगाल भेजा जा रहा बालू
बालू का खेल. अवैध बालू डंप कर बेच रहे हैं माफिया, नहीं हो पा रही कार्रवाई गुमानी नदी से बालू उठाव कर अवैध धंधेबाजों ने बरहेट, पतना व बरहरवा क्षेत्र में डंप कर लिया है. ऑनलाइन चालान निर्गत नहीं किये जाने के कारण सरकार को राजस्व भी नहीं मिल रहा. कार्रवाई नहीं होने से भी […]
गुमानी नदी से बालू उठाव कर अवैध धंधेबाजों ने बरहेट, पतना व बरहरवा क्षेत्र में डंप कर लिया है. ऑनलाइन चालान निर्गत नहीं किये जाने के कारण सरकार को राजस्व भी नहीं मिल रहा. कार्रवाई नहीं होने से भी हो रही दिक्कत.
बरहरवा : सरकार के माइंस मिनरल के परिवहन (बालू) के चेकिंग पुलिस द्वारा नहीं किये जाने के फैसले के बाद भी अवैध बालू का काला कारोबार बरहेट, पतना व बरहरवा प्रखंड में काफी बढ़ गया है. इस फैसले से पूर्व भी अवैध बालू का उठाव बदस्तूर जारी था. पर अब और भी ज्यादा बढ़ गया है. पहले तो पुलिस भी कार्रवाई के नाम पर दिखावे के लिये एक दो गाड़ी पकड़ कर कार्रवाई करती थी. अब माफिया रात के अंधेरे में वाहन को पार करा देते हैं. गुमानी नदी से अवैध बालू का उठाव बरहेट क्षेत्र के क्षेत्र के कदमा, करमटोला, सारजमघुटू, कुसमा आदि घाटों से धड़ल्लों से किया जा रहा है.
इन गांवों के मुख्य सड़कों के किनारे लाखों सीएफटी बालू अवैध तरीके से बरसात से पूर्व ही बालू डंप करके रखा गया है. वहीं पतना प्रखंड के डहुआ के अलावा अन्य गांवों में बालू डंप करके रखा गया है. वहीं बरहरवा के जुहीबाना में भी कुछ बालू डंप करके रखा गया है. इस प्रकार क्षेत्र से अवैध बालू का उठाव बदस्तूर जारी है. बरहेट क्षेत्र में तो दिन-दहाड़े बड़े-बड़े ट्रकों में डंप किया गया बालू लोड कर पश्चिम बंगाल व बिहार भेजा जाता है. जिला खनन कार्यालय व अंचल कार्यालय को समन्वय स्थापित कर इन अवैध बालू पर अंकुश लगाना होगा.
नहीं निर्गत हो रहा है ऑनलाइन चालान
सरकार ने बालू उठाव का आदेश तो दिया है. पर साहेबगंज जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू का कहना है कि साहेबगंज जिले में गुमानी नदी के बरहेट, पतना व बरहरवा के विभिन्न बालू घाटों से बालू का उठाव को लेकर ऑनलाइन चालान अभी निर्गत नहीं किया जा रहा है. तो वहीं सवाल यह उठता है कि जब ऑनलाइन चलान निर्गत नहीं हो रहा है तो विभिन्न घाटों से डंप किया गया बालू आखिर कैसे उठ रहा है. चालान निर्गत नहीं होने से प्रत्येक दिन सरकार को लाखों रुपये राजस्व की क्षति हो रही है.
मजदूरों का लोडिंग के नाम पर करते हैं शोषण : बालू माफिया कुछ मजदूरों को अपने पक्ष में लेकर विभिन्न घाटों से बालू का उठाव करा कर एक निश्चित स्थान पर डंप करवाते हैं. वहां से ट्रक व ट्रैक्टर में लोड करवाते हैं. लोडिंग के नाम पर मजदूरों को सौ-दो सौ रुपये प्रति ट्रैक्टर देते हैं. मजदूरों का झूंड काफी संख्या में रहता है. क्योंकि अधिकतर पैसे बालू माफिया ही खा जाते हैं.
1500 से 2000 रुपये प्रति ट्रैक्टर बिकता है बालू
बरहेट व पतना क्षेत्र के विभिन्न घाटों में डंप किया गया बालू 1500 से 2000 रुपये प्रति ट्रैक्टर बेचा जा रहा है. बालू को बरहरवा बाजार के अलावा गुमानी क्षेत्रों में तीन हजार रुपये में बेचा जाता है. राशि में एक रुपये भी सरकार को राजस्व नहीं मिलता है. बालू के अवैध कारोबार से बालू माफिया व ट्रैक्टर मालिक मालामाल हो रहे हैं. तो वहीं आम लोगों को बालू का रेट अधिक होने से काफी परेशानी हो रही है. कई लोगों को तो पैसे देने के बावजूद भी वैध बालू नहीं मिल रहा है. अवैध बालू लेकर ही काम चलाना पड़ रहा है.
कहते हैं डीसी
उपायुक्त डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि अगर कहीं अवैध बालू डंप कर रखा गया है तो छापेमारी कर उसे जब्त कर अवैध कारोबार करने वालों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
कहते हैं डीएमओ
डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कू ने कहा कि अभी वे क्षेत्र से बाहर हैं. लौटने पर अवैध बालू के खिलाफ छापेमारी की जायेगी. छापेमारी के दौरान पुलिस से सहयोग भी लिया जायेगा.
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