36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

खड़ी फसल पर करें यूरिया घोल का छिड़काव : डॉ वदूद

बिरसा कृषि विवि (बीएयू) के अनुसंधान निदेशक डॉ अब्दुल वदूद ने कहा कि प्रदेश में खड़ी फसल की सुरक्षा के लिए यूरिया का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है.

रांची : बिरसा कृषि विवि (बीएयू) के अनुसंधान निदेशक डॉ अब्दुल वदूद ने कहा कि प्रदेश में खड़ी फसल की सुरक्षा के लिए यूरिया का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिलने से फसल के खराब होने तथा उत्पादन में कमी की आशंका होती है. प्रदेश में अभी यूरिया की किल्लत है. ऐसी स्थिति में यूरिया घोल का स्प्रे एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

मुख्य मृदा वैज्ञानिक डॉ बीके अग्रवाल ने कहा कि अभी धान एवं मक्का की फसल को यूरिया के टॉप ड्रेसिंग की जरूरत है. बाजार में यूरिया की किल्लत को देखते हुए उन्होंने किसानों को धान या मकई की खड़ी फसल पर दो प्रतिशत यूरिया घोल का स्प्रे करने की सलाह दी है. इस तकनीक से कम मात्रा में यूरिया के प्रयोग से फसलों की रक्षा की जा सकती है. जरूरत के मुताबिक दो से तीन बार यूरिया घोल का स्प्रे किया जा सकता है.

एक एकड़ खेत के लिए पांच किलो यूरिया को 250 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे तैयार किया जा सकता है. दलहनी फसलों में यूरिया का छिड़काव या स्प्रे करने की आवश्यकता नहीं हैं. मृदा वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि यूरिया पौधों की वानस्पतिक वृद्धि में योगदान देता है, पत्तियों को हरा रंग प्रदान करता है एवं फसलों के दानों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है. खड़ी फसल में इसकी कमी से कम वृद्धि होती है.

पत्तियों का रंग पीला या हल्का हरा हो जाता है. दाने वाली फसलों जैसे मकई, धान आदि में सबसे पहले पौधे की निचली पत्तियां सूखना प्रारंभ कर देती हैं और धीरे-धीरे ऊपर की पत्तियां भी सूख जाती हैं. पत्तियों का रंग सफेद हो जाता है एवं पत्तियां कभी-कभी जल जाती हैं. ऐसी स्थिति में यूरिया का घोल (20 ग्राम प्रति लीटर) बनाकर फसल पर िछड़काव करें.

Post by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें