21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand News:अमेरिका से RIMS ने मंगवायी जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन, फिर भी वेरिएंट की जांच नहीं, जानें कारण

स्वास्थ्य विभाग ने निर्माता कंपनी से पांच करोड़ में अमेरिका से जीनोम मशीन मंगवायी है, लेकिन मशीन को चलाने के लिए जरूरी उपकरण व पुर्जों की खरीदारी बाकी है. ऐसे में तीसरी लहर गुजरने पर भी वैरिएंट की जांच शुरू नहीं हो पायी है. मशीन के उपकरणों व पुर्जों की खरीद की प्रक्रिया अभी भी जारी है.

राजीव पांडेय, रांची: कोविड की दूसरी लहर से ही रिम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कीमत के फेर में मशीन के महत्वपूर्ण पुर्जों की खरीद फंस गयी है. ऐसे में तीसरी लहर गुजरने पर भी वैरिएंट की जांच शुरू नहीं हो पायी थी. संबंधित कंपनी से जीनोम मशीन के उपकरणों व पुर्जों की खरीद की प्रक्रिया अभी भी जारी है.

यहां बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने निर्माता कंपनी से पांच करोड़ में अमेरिका से जीनोम मशीन मंगवायी है, लेकिन मशीन को चलाने के लिए जरूरी उपकरण व पुर्जों की खरीदारी बाकी है. मशीन मंगाने के लिए सरकार की अधिकृत एजेंसी जैम में निविदा आमंत्रित की गयी, लेकिन कंपनी ने उपकरण के लिए लगभग 2.50 करोड़ की राशि तय कर दी. वहीं, एनएचएम दो करोड़ रुपये ही खर्च करना चाहता है.

कीमत को लेकर नहीं बन रही बात

ऐसे में मशीन के अहम पुर्जों के आने और जांच शुरू होने में एक महीना का समय लगने की संभावना है. सूत्रों की मानें तो कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के बीच कीमत को लेकर बात नहीं बन पा रही है. कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 2.35 से 2.40 करोड़ से नीचे में उपकरण उपलब्ध नहीं करा पायेगी.वहीं,जीनोम मशीन में शेष उपकरण उसी कंपनी की लगाने की बाध्यता है, इसलिए कंपनी अपने स्तर से कीमत पर दबाव बना रही है. हालांकि मामला अब स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह के पास पहुंच गया है. लैब को स्थापित करने में लगे अधिकारी ने स्वास्थ्य सचिव से कीमत पर तत्काल फैसला लेने और उपकरण उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

खास बातें:-

  • जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन के शेष उपकरण के लिए कंपनी मांग रही 2.40 करोड़ रुपये

  • 40 लाख कम कीमत पर निर्माता कंपनी और स्वास्थ्य विभाग में नहीं बन रही बात

  • एक ही कंपनी का आधा उपकरण होना जरूरी, इसलिए कंपनी बना रही दबाव

  • स्वास्थ्य सचिव से कीमत पर तत्काल फैसला लेने और उपकरण उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया

20 दिन पहले से आकर रिम्स में पड़ी है मशीन

दिसंबर 2020 में ही कंपनी को उपकरण मुहैया कराने का कार्यादेश स्वास्थ्य विभाग ने दिया था. 45 दिनों में मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश था. कंपनी को पैसा नहीं मिलने और कस्टम क्लियरिंग में देरी होने से मशीन दिल्ली में आकर कई दिनों से पड़ी हुई थी. काफी प्रयास के बाद 20 दिन पहले रिम्स में मशीन आयी है, जिसकी पैकिंग भी नहीं खोली गयी है.

Also Read: Jharkhand News: अब सर्किल रेट के हिसाब से देना होगा प्रोपर्टी टैक्स, नयी खेल नीति को मंजूरी

Posted by: Pritish sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें